105 स्कूल बंद करने पर AAP का जोरदार प्रदर्शन, बोले- स्कूल बंद नहीं खोलने की जरूरत
हरियाणा के 105 स्कूल बंद किए जाने के विरोध में आम आदमी पार्टी के नेता व पूर्व कृषि मंत्री बलबीर सैनी के नेतृत्व में पिहोवा के गांव सैंसा के स्कूल के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया. बलबीर सैनी ने कहा कि कुरुक्षेत्र जिला के 14 स्कूलों को सरकार द्वारा बंद करने का निर्णय लिया गया है
दर्शन कैत/कुरुक्षेत्र: प्रदेश के 105 स्कूल बंद किए जाने के विरोध में आम आदमी पार्टी के नेता व पूर्व कृषि मंत्री बलबीर सैनी के नेतृत्व में पिहोवा के गांव सैंसा के स्कूल के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया गया. बलबीर सैनी ने कहा कि कुरुक्षेत्र जिला के 14 स्कूलों को सरकार द्वारा बंद करने का निर्णय लिया गया है जिसमें से 3 स्कूल पिहोवा हल्के के हैं. ऐसे में आप के कार्यकर्ताओं ने गांव सैंसा में जाकर स्कूल बंद किए जाने का विरोध किया है.
पूर्व मंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार हरियाणा में शिक्षा को चौपट करना चाहती है. सरकार कहती है कि इन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या काफी कम है, लेकिन यदि सरकारी स्कूलों में सुविधा दी जाए तो अभिभावक नीजि स्कूलों की बजाए सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों का दाखिला करवाएंगें. दुख की बात है कि दिल्ली के उपमुख्मंत्री मनीष सिसोदिया के पीछे ED व CBI लगा रखी है और ईमानदार व्यक्ति को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.
रेवाड़ी में स्कूल पर ताला लगने पर ग्रामीणों में विरोध प्रदर्शन
तो वहीं, हरियाणा में शिक्षा विभाग की रेशनेलाइजेशन, ट्रांसफर पॉलिसी व अध्यापकों के पदों के समाप्त के विरोध में दो दिनों से प्रदेश के विभिन्न स्कूलों के सामने विरोध प्रदर्शन किये जा रहे है. मंगलवार को रेवाड़ी के गांव गुर्जर घोटाले के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के गेट पर ताला लगाकर ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया.
ग्रामीणों का कहना है कि आज वो सांकेतिक तौर पर विरोध प्रदर्शन करके सरकार को चेताना चाहते है कि अगर सरकार ने खत्म किये गए शिक्षकों के पदों को बहाल नहीं किया तो आने वाले दिनों में बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
आपको बता दें कि रेवाड़ी जिले का गुर्जर घोटाला गांव हरियाणा राजस्थान बोर्डर पर स्थित है जिस स्कूल में करीबन ढाई सौ बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे है. ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल में शिक्षकों की पहले ही कमी थी और अब सरकार ने अंगेजी, हिंदी और गणित के अध्यपकों के पद खत्म कर दिए है. जो बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है.
स्कूल बंद करने वाले फैसले पर बोले शिक्षा मंत्री, व्यवस्था सुधारेगी यह है फैसला
बीते दिनों हरियाणा सरकार द्वारा 105 सरकारी स्कूलों को बंद करने के फैसले के खिलाफ विपक्षी पार्टी और लोगों ने जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं, हरियाणा सरकार के इस फैसले के बाद आप पार्टी ने चैलेंज करते हुए कहा कि स्कूल बंद नहीं होने देंगे. विपक्ष के हमले का हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुज्जर ने कहा कि विपक्षी पार्टियां बेफिजूल की बातें कर रही हैं. विद्यार्थियों की कम संख्या के चलते पहले भी प्रदेश में स्कूल बंद किए गए थे, लेकिन जैसे ही बच्चों की संख्या पूरी हुई तो स्कूलों को दोबारा खोल दिया गया.
शिक्षकों के पदों को किया जा रहा समाप्त- दीपेंद्र हुड्डा
हरियाणा सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा (Deepender Singh Hooda) ने बीते सोमवार को आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार (Haryana Government) स्कूलों को बंद कर रही है. सरकार हजारों की संख्या में शिक्षकों के पदों को समाप्त कर रही है और शिक्षा को निजी हाथों में सौंप रही है.
हुड्डा ने आगे कहा कि- राज्य सरकार ने विधानसभा में कहा था कि इस साल स्कूलों में शिक्षकों के 38,476 पद रिक्त हैं. उन्होंने दावा किया कि सरकार ने उस वक्त से अभी तक कोई नियुक्ति नहीं की है लेकिन रिक्तियों की संख्या घटाकर 35,980 कर दी है. हालांकि, राज्य के शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने आरोप से इनकार करते हुए कहा कि यह सही नहीं है.
AAP का बड़ा ऐलान, एक भी स्कूल नहीं होने देंगे बंद
आपको बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हरियाणा में एक भी सरकारी स्कूल बंद नहीं किए जाएंगे. सरकारी स्कूल बंद करना दरअसल शिक्षा के प्राइवेटाइजेशन का बड़ा घोटाला है. जरूरत पड़ी तो शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री के घर पर क्लास लगाएंगे. आप ने केंद्र सर्कार पर तंज कस्ते हुए कहा कि 105 सरकारी स्कूल बंद करने वाले मुख्यमंत्री के खिलाफ CBI नहीं लगाते मोदी जी, लेकिन दुनिया में दिल्ली के स्कूलों की चर्चा करवाने वाले मनीष सिसोदिया के खिलाफ CBI की रेड करवाते हैं. शर्म आनी चाहिए.
प्रदेश भर में 105 स्कूल हुए मर्ज
खबरों की मानें तो शिक्षा निभाग ने प्रदेशभर में 105 स्कूलों को तब्दील कर दिया है, जिनमें सबसे अधिक संख्या यमुनानगर के स्कूलों की है. स्कूलों को 3 किलोमीटर के दायरे में तब्दील करने की वजह से छात्रों और उनके माता-पिता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं, अभिभावकों के पास किसी भी तरह का कोई साधन नहीं है तो आने वाले दिनों में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. आसान शब्दों में कहें तो मौसम खराब होने की वजह से टाइम पर स्कूल पहुंचने के लिए बच्चों को अग्नि परीक्षा देनी होगी.