Vice President Election 2022: एनडीए ने उपराष्ट्रपति पद के लिए पश्चिम बंगाल के तत्कालीन गवर्नर जगदीप धनखड़ को चुना है. धनखड़ और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के बीच की तल्खी अक्सर मीडिया की सुर्खियां बनती रही हैं.
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दिल्ली: Vice President Election 2022: बीजेपी ने एक बार फिर बड़ा दांव खेला है. राजनीति में ममता बनर्जी के जानी दुश्मन माने जाने वाले जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी मुख्यालय में पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ( Vice President Election 2022) को उपराष्ट्रपति पद के लिए नामित किया गया है. आज ही जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar Vice President Candidate) ने पीएम नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की थी. पीएमओ ने पीएम मोदी और और धनखड़ की तस्वीर भी पोस्ट की थी.
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संसदीय बोर्ड की बैठक में उनके नाम का ऐलान किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसमें शामिल हुए थे. बैठक में केंद्रीय मंत्री अमित शाह, नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत पार्टी के कई दिग्गज नेता पहुंचे थे. इससे पहले कई नामों पर चर्चा हो रही थी, मगर हमेशा की तरह बीजेपी ने इस बार भी सबको चौंका दिया है. धनखड़ और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के बीच कई मुद्दों पर टकराव की स्थिति अक्सर दिखती रही हैं.
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ये तीन नाम क्यों रह गए पीछे
हालांकि उपराष्ट्रपति के नाम पर पहले मुख्तार अब्बास नकवी, नजमा हेपतुल्ला और केरल के राज्यपाल का नाम चल रहा था. मगर बीजेपी ने बंगाल के राज्यपाल को उपराष्ट्रपति का चेहरा बनाकर एक बार फिर सबको चौंका दिया. पहले एनडीए ने द्रोपदी मुर्मू को राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में और अब जगदीप धनखड़ के नाम पर. हालांकि अभी विपक्ष ने उपराष्ट्रपति पद के लिए अपने उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे के मुताबिक सभी विपक्षी दल रविवार को बैठक करेंगे और उपराष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त उम्मीदवार के नाम पर चर्चा करेंगे. आपको बता दें कि वर्तमान उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है.
धनखड़ को ही NDA ने क्यों चुना?
राष्ट्रपति पद के लिए NDA ने द्रौपदी मुर्मू का नाम आगे कर पहले ही आदिवासियों को साधने की कोशिश कर ली है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी कि उपराष्ट्रपति पद के लिए कोई दलित चेहरा ही आएगा, लेकिन जाट समुदाय से आने वाले धनखड़ का नाम सामने आ गया. इससे बीजेपी कहीं न कहीं हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के वोट बैंक को साधे रखना चाहती है. तैयारी 2024 की भी है. वरिष्ठ पत्रकार संतोष कुमार का कहना है कि बीजेपी ने जगदीप धनखड़ के परिचय की पहली लाइन में ही किसान पुत्र से संबोधन शुरू किया है. इससे मैसेज साफ है कि कहीं न कहीं बीजेपी किसानों को साधने की कोशिश में है. MSP को लेकर बनने वाले ड्राफ्ट या समिति में किसी ऐसे व्यक्ति का नाम भी चाहिए था जो किसान हो और जाट हो. जिसका प्रभाव जाट लैंड में ठीकठाक हो, उसमें धनखड़ फिट बैठे. शायद यही वजह रही कि जगदीप धनखड़ के नाम पर मुहर लगी.
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सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास
बीजेपी इस नारे के साथ दूसरी बार सत्ता में आई है. बीजेपी सबका साथ, सबका विकास और सबके प्रयास से देश में राज कर रही है. यह सूत्र बीजेपी में खुद दिखता है. बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्राह्मण, पीएम मोदी खुद ओबीसी, राष्ट्रपति पद के लिए आदिवासी, उपराष्ट्रपति पद के लिए जाट और किसान पुत्र, इससे साफ झलकता है कि बीजेपी सभी समुदाय के वोट बैंक को साधने में कहीं पीछे नहीं हटती. अभी दलित प्रतिनिधित्व बचा हुआ है, ऐसे में संभावना है कि जल्द ही किसी बड़े पद पर इस समुदाय से भी कोई नाम आ सकता है.
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