Delhi News: गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के अंदर आम आदमी पार्टी भाजपा की तानाशाही के खिलाफ अलग-अलग तरीकों से जनता के बीच लगातार कैंपेन चला रही है. पहले हम लोगों ने वॉकाथॉन के माध्यम से लोगों के बीच अपने प्रचार अभियान को आगे बढ़ाया.
Trending Photos
Aam Admi Party: आम आदमी पार्टी छात्र युवा संघर्ष समिति ने राऊज एवेन्यू स्थित पार्टी मुख्यालय से 'जेल का जवाब वोट से' कैंपेन के तहत साइकिल रैली निकालकर भाजपा की तानाशाही के खिलाफ वोट करने की अपील की. 'आप' के दिल्ली प्रदेश संयोजक एवं कैबिनेट मंत्री गोपाल और नई दिल्ली लोकसभा से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी सोमनाथ भारती ने यहां पहुंचकर युवाओं का हौसला बढ़ाया. 'जेल का जवाब वोट से' लिखी टी-शर्ट और टोपी पहनकर साइकिल पर सवार युवाओं ने केंद्र से तानाशाह सरकार को हटाने के लिए दिल्ली की जनता को जागरूक किया. इस दौरान गोपाल राय ने कहा कि आम आदमी पार्टी विभिन्न तरीकों से भाजपा की तानाशाही के खिलाफ जनता के बीच जा रही है. इस बार देश के संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए भाजपा की तानाशाही को खत्म करना बेहद जरूरी है.
गोपाल राय बोले तानाशाही खत्म करना जरूरी
गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के अंदर आम आदमी पार्टी भाजपा की तानाशाही के खिलाफ अलग-अलग तरीकों से जनता के बीच लगातार कैंपेन चला रही है. पहले हम लोगों ने वॉकाथॉन के माध्यम से लोगों के बीच अपने प्रचार अभियान को आगे बढ़ाया और आज फिर साइकल्थॉन के माध्यम से जनता के बीच मे संदेश पहुंचा रहे हैं कि इस बार देश को बचाने के लिए भाजपा की तानाशाही को खत्म करना बेहद जरूरी है. संविधान और लोकतंत्र को बचाना जरूरी है. साइकल्थॉन के माध्यम से यह टीम संविधान और लोकतंत्र बचाने का संदेश लेकर गई.
सातों सीट हारेगी भाजपा
इस दौरान नई दिल्ली लोकसभा से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी सोमनाथ भारती ने कहा कि अब दिल्ली का हर व्यक्ति कह रहा है कि सातों सीटें इंडिया गठबंधन को जाएंगी. दिल्ली के लोग कह रहे हैं कि भाजपा ने संविधान और लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई हैं. एक सिटिंग मुख्यमंत्री को बिना सबूत के भाजपा ने उठाकर जेल में डाल दिया. केजरीवाल को जेल में डालकर भाजपा यह सिद्ध करना चाहती है कि वो लोकसभा चुनाव में अपनी हार को देखकर बहुत डरी हुई है. संविधान की धज्जियां उड़ाने का संज्ञान सुप्रीम कोर्ट ने लिया कि लोकतंत्र के अंदर कुछ तो लेवल प्लेइंग फील्ड करो. केजरीवाल को जेल से बाहर आने के बाद पूरे देश में संदेश गया है कि अभी भी कोई संस्था है जो देश के लोकतंत्र और संविधान के लिए चिंतित है.