Delhi Breaking News: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस आलाकमान ने दिल्ली प्रदेश संगठन में बड़ा बदलाव कर दिया है. शीला सरकार में मंत्री रहे दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे अरविंदर सिंह लवली को फिर से दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष की कमान सौंप गई है. इससे पहले मार्च 2020 से अनिल चौधरी इस पद पर काम कर रहे थे. दिल्ली कांग्रेस ने नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष को बधाई देते हुए कहा कि हमें विश्वास है कि उनके कुशल नेतृत्व में पार्टी  नए ऊंचाइयों को स्पर्श करेगी. 


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बता दें कि अरविंदर सिंह लवली को 1990 में दिल्ली युवा कांग्रेस का महासचिव बनाया गया था. इसके बाद 1992-96 तक वे NSUI के महासचिव रहे. लवली ने 1998 में गांधीनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था. इसके बाद 2013 से 2015 तक उन्होंने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभाई. शीला सरकार में कभी मुख्य चेहरा रहे लवली ने पार्टी को उस समय बड़ा झटका दिया, जब उन्होंने 2017 में बीजेपी ज्वाइन कर ली, लेकिन कुछ ही महीनों में उन्हें अपनी गलती का एह्साह हुआ और एक बार फिर वे कांग्रेस में शामिल हो गए. हालांकि इस दौरान पार्टी के कुछ नेताओं ने इस पर विरोध भी जताया था. 



अरविंदर सिंह लवली ने जी मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि उनकी प्राथमिकता दिल्ली में कांग्रेस के संगठन को मजबूत करना है. आम आदमी पार्टी के साथ समझौते के बारे में आलाकमान तय करेगा, उनका फैसला आखिरी और मान्य होगा. लवली ने कहा, मैं चुनाव लड़ूंगा या नहीं, ये कहना अभी जल्दबाजी होगी. इस पर भी पार्टी आलाकमान ही फैसला लेगा. उन्होंने ये भी कहा कि बीजेपी को तय करना है कि ऑर्डिनेंस सही है या गलत,अगर सही है तो उनके पूर्व नेता दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने की मांग क्यों करते थे.


2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी सरकार को सत्ता से बेदखल करने के संयुक्त उद्देश्य को पूरा करने के लिए ही आप, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) समेत तमाम विपक्षी पार्टियों ने I N D I A गठबंधन बनाया था. आज से मुंबई में इस महागठबंधन की तीसरी बैठक शुरू हो रही है. नए गठबंधन की पहली बैठक पटना में हुई थी, जिसमें 16 पार्टियों के नेता शामिल हुए थे. इसके बाद दूसरी बैठक बेंगलुरु में हुई, जिसमें 26 दल शामिल हुए थे और आज मुंबई में हो रही बैठक में 28 दल शामिल होने वाले हैं.