Delhi Metro News: इससे पहले दिल्ली मेट्रो एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर ही मेट्रो के अंदर शराब ले जाने की इजाजत थी, लेकिन अब दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन यानी कि डीएमआरसी के नए आदेश के बाद दिल्ली मेट्रो की सभी लाइनों पर सीमित संख्या में शराब ले जाने की छूट दे दी गई है. ऐसे में हरियाणा की महिला आयोग चेयर पर्सन रेनू भाटिया ने दिल्ली मेट्रो में शराब को लेकर दी गई छूट पर ज़ी मीडिया की टीम के साथ की विशेष बातचीत की.


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ज़ी मीडिया के साथ बातचीत करते हुए महिला आयोग हरियाणा चेयर पर्सन रेनू भाटिया ने बताया कि मेट्रो जितनी भी शराब अनुमत है. कहीं न कहीं मेट्रो में यात्रा करने वाली बेटियों महिलाओं के लिए घातक सिद्ध हो सकती है. इस पर पुनः विचार करना चाहिए. महिलाओं पर हिंसा के मामले काफी आते हैं. मेट्रो ऐसा ट्रांसपोर्ट है, जिसको कॉलेज स्कूल नौकरी करने वाले काफी महिलाएं इस्तेमाल करती हैं.


अब उसी मेट्रो में आप शराब ले जाने की परमिशन दे देंगे तो हम किस गारंटी के साथ यह बोल सकते हैं कि खुलेआम वहां कोई शराब पीकर हुड़दंग नहीं करेगा, छेड़छाड़ नहीं करेगा.


दिल्ली मेट्रो के द्वारा अंदर शराब ले जाने की छूट के इस नियम के बारे में मैने पढ़ा कि हरियाणा मेट्रो में हरियाणा की शराबी ले जा सकते हैं. दिल्ली की मेट्रो में दिल्ली की शराब ले जा सकते हैं तो इस पर कोन चेक करेगा कि कहां की शराब है. फरीदाबाद में लगातार बढ़ते क्राइम के चलते दिल्ली मेट्रो में शराब ले जानी की परमिशन के बाद इसका फरीदाबाद NCR पर क्या असर रहेगा. इस सवाल का जवाब देते हुए रेनू भाटिया ने कहा कि एक समय में हम शराबबंदी की बात कर चुके हैं. एक समय में हम स्कूल कॉलेज के आसपास शराब का ठेका न हो इसकी भी बात कर चुके हैं. हम ऐसे स्थानों पर शराब न पीकर, गांव में शराब न पीने को लेकर महिलाएं भी प्रदर्शन करती थी तब हमारी क्या सोच थी या पूरे देश की बात है.


वहीं उन्होंने कहा कि ऐसा क्या हो गया कि शराब ले जाने वाले बहुत सीधे हो गए या नियमित हो गए या शराब का दवाई की तरह कोई टाइम हो जाएगा की पर्टिकुलर समय पर ही पीनी है. इसलिए मेरा दिल्ली मेट्रो से निवेदन है कि पुनः इस पर सोच विचार करें.


हरियाणा सरकार द्वारा गुरुग्राम के कॉर्पोरेट कार्यालयों में शाम को शराब परोसे जाने के नियम लागू किए जाने के सवाल पर जवाब देते हुए महिला आयोग चेयर पर्सन रेनू भाटिया ने कहा कि Bar या कहीं भी बैठकर शराब पीते हैं तो वहां लाइसेंस होते हैं. पहले एंबुलेंस में गाड़ी में ट्रक में शराब पकड़ी जाती थीं. अब जब हम मेट्रो में खुलेआम शराब ले जा रहे हैं तो स्कूल की कॉलेज की बेटियां भी देखेंगे और थोड़ी हम दूरदर्शी तरीके से सोचें तो कोई इसका मिस यूज भी कर सकता है. अगर महिलाओं का उपयोग शराब ले जाने में कर दिया तो उसको हम कैसे रोक पाएंगे.


Input: Amit Chaudhary