Delhi News: वसंत विहार के प्रियंका गांधी कैंप में रहने वाले लोगों के ऊपर आजकल दुखों का पहाड़ टूट गया है. उनकी झुग्गियों को खाली कराने के लिए एनडीआरएफ (NDRF) द्वारा उनके घरों के बाहर नोटिस लगाया गया है, जबकि जल बोर्ड ने 2 दिन पहले से ही इन झुग्गी वालों को पानी देना बंद कर दिया है. इन झुग्गी वालों को अपनी झुग्गी खाली कर रैन बसेरा में जाकर रहने के लिए कहा गया है, लेकिन बीते दिनों में रैन बसेरा में धर्म परिवर्तन के डर से यह लोग किसी भी रैन बसेरे में नहीं रहना चाहते. किसी भी चुनाव में यह लोग हर पार्टी के लिए वोट बैंक है, लेकिन जब इन पर संकट मंडराता है तो कोई इनको पूछने वाला नहीं होता. हमारी ज़ी मीडिया की टीम ने इनकी सुध ली और इनके दर्द की कहानी, आपके सामने रख रहे हैं.


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रैन बसेरों में हो रहा धर्म परिवर्तन
यह लोग कई दशकों से इस झुग्गी में रह रहे हैं. लगभग 100 परिवार यहां रहते हैं, लेकिन बीते दिनों में पता लगा कि यह जमीन एनडीआरएफ को दे दी गई है और एनडीआरएफ वालों ने इनको घर से निकलने के लिए मकान के ऊपर नोटिस लगा दिया है. उसके बाद यह लोग डर के साए में जी रहे हैं. एनडीआरएफ पूरे यूनिफार्म में इस कैंप के बाहर जो कि खाली करने के लिए माइक से अनाउंसमेंट करती है. झुग्गी के सभी गलियों में एनडीआरएफ के जवान और दिल्ली पुलिस घूम- घूमकर लोगों को खाली करने के लिए बोल रहे हैं, लेकिन यह लोग यहां से जाने का नाम नहीं ले रहे हैं. क्योंकि इन्हें इस बात का डर है कि दिल्ली के रैन बसेरे में इनका परिवार सुरक्षित नहीं है. क्योंकि वहां पर आजकल धर्म परिवर्तन का काम किया जा रहा है. ऐसे में किसी भी रैन बसेरे की सुरक्षा इनके परिवार के लिए खतरनाक है.


इन लोगों के ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. एक साथ कई समस्या हैं. यहां झुग्गी में रहने वाले परिवार खौफ में जी रहा है. एक तरफ आशियाने को छीनने का डर दूसरी तरफ जलबोर्ड ने इस इलाके में 2 दिनों से पानी की एक बूंद भी नहीं भेजा. अपने इस समस्या को लेकर हमारे सामने झुग्गी वालों ने स्थानीय पार्षद और विधायक को फोन किया, लेकिन किसी ने भी फोन नहीं उठाया.


ज़ी मीडिया टीम के कहने पर भिजवाया टैंकर
आखिर में हमारी टीम ने जल बोर्ड के चेयरमैन सोमनाथ भारती को कॉल किया और पानी की समस्या के लिए बताया. सोमनाथ भारती ने भी माना की पीने का पानी हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार है और उन्हें यह अधिकार जरूर मिलेगा. लिहाजा सोमनाथ भारती ने तुरंत आश्वासन दिया कि वह इन झुग्गी वालों के लिए पानी का इंतजाम तुरंत करने जा रहे हैं और कुछ देर मे हीं उन्होंने पानी का टैंकर यहां भिजवा दिया. चुनाव के वक्त में झुग्गी वाले सभी पार्टियों के लिए वोट बैंक की तरह होते हैं, लेकिन संकट के समय में इनके लिए कोई भी मदद का हाथ एक बार भी क्यों नहीं बढ़ा रहा.


15 जून तक का वक्त
इन झुग्गी वालों को जगह खाली करने के लिए 15 जून तक का वक्त दिया गया है. नोटिस के अनुसार यह वक्त एनडीआरएफ के द्वारा दिया गया है. अब देखना यह है कि बगैर किसी कोर्ट के या किसी विभाग के हस्तक्षेप किए बिना क्या इन लोगों को ऐसे ही घरों से निकाल दिया जाएगा या इन्हें कुछ वक्त दिया जाएगा. जैसा कि सभी सरकारें यह दावा करती है कि जहां झुग्गी वहीं मकान या झुग्गी के बदले मकान इस दुखों के संकट में ऐसी कोई राहत इन झुग्गी वालों को फिलहाल मिलता नहीं दिख रहा है.


Input: Mukesh Singh