Faridabad News: विधायक नीरज शर्मा ने बताया कि दिनांक 6 जुलाई 2019 को फरीदाबाद की डबुआ सब्जी मंडी में 704 फड़ो की आलटमेंट की गई थी, जोकि धोखाधड़ी एंव धाधली करके की गई थी. विधायक नीरज शर्मा ने बताया कि विधायक बनने के बाद सबसे पहला पत्र सरकार को उनके द्वारा डबुआ सब्जी मंडी में हुए फड़ वितरण धोटाले से अवगत करवाया गया था, जिस उपरांत तत्कालीन मंडी सचिव राहुल यादव को 8 नवंबर 2019 को निलंबित कर दिया गया था. बाद में सचिव को सात अक्टूबर 2020 को बहाल किया गया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ये भी पढ़ेंं: Delhi News: पुलिस ने 50 हजार की लूट के आरोपी को किया गिरफ्तार, 3 मामलों में है उद्घोषित अपराधी


यह सरकार इस मामले को दबाने का प्रयास कर रही थी, लेकिन मैं निरंतर इस मामले को उठाता रहा. विधायक नीरज शर्मा ने कहा कि जब इस मामले में कार्रवाई होती नजर नहीं आई तो उनके द्वारा दिनांक 10 मार्च 2021 को विधानसभा सत्र में उठाया गया. नीरज शर्मा ने बताया कि मेरे सवाल पर कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि 25 सितंबर 2018 में नीतिविरुद्ध फड़ वितरण नहीं करने के कारण मार्केट कमेटी के सचिव को 8 नवंबर 2019 को निलंबित कर दिया गया था. बाद में सचिव को सात अक्टूबर 2020 को बहाल किया गया. फिलहाल फंड़ वितरण को निरस्त नहीं किया गया है, क्योंकि कुछ आवंटियों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. मामला न्यायालय में विचाराधीन है.


मंत्री के जवाब पर नीरज शर्मा ने कहा था कि न्यायालय में सिर्फ 186 लोग गए हैं. उन्होंने पूछा कि सरकार ने बाकी पर कार्रवाई क्यों नहीं की. विधायक ने मामले को विस्तृत रूप में बताया कि मौके पर 539 फड़ हैं और 704 को आवंटित कर दिए गए, जिनको फड़ आवंटित हुए हैं उनमें कुछ तो समाज के प्रख्यात व्यक्ति भी शामिल हैं. विधायक नीरज शर्मा का कहना था कि डबुआ सब्जी मंडी में फड़ वितरण घोटाला सामने आने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. गलत तरीके से वितरित फड़ भी अभी तक रद्द नहीं किए गए हैं.


नीरज शर्मा के अनुसार ये बिना सर्वे और वीडियोग्राफी के आंवटित किए गए. फड़ वितरण शनिवार के दिन सायं चार बजे किया गया और आवंटन की रिपोर्ट ईमेल से सायं 6 बजे मार्केटिंग बोर्ड मुख्यालय को सूचना दे दी गई. छुट्टी के दिन महज दो घंटे में 704 फड़ का आवंटन तो व्यवहारिक रूप में हो ही नहीं सकता. फड़ आवेदकों से पांच हजार रुपये की सुरक्षा राशि लेनी थी, मगर उनकी पर्ची छह हजार रुपये की काटी गई. शर्मा के अनुसार आवंटन में तीन टीन शेड दर्शाए गए हैं, जबकि मौके पर दो ही टीन शेड हैं. इन शेड में जनसुविधाएं भी नहीं हैं. इसके अलावा आवंटन से पहले सचिव ने मार्केट कमेटी की बैठक भी नहीं बुलाई गई.


फरीदाबाद की डबुआ सब्ज़ी मंडी में पूर्व पार्षदों को भी फड़ आवंटित कर दिए गए, जबकि जिंदगी में उन्होंने कभी सब्जी नहीं बेची, सीएम विंडो के एमिनेंट परसन तक को फड़ दे डाला. फड़ वितरण घोटाले का मामला विधायक नीरज शर्मा ने विधानसभा सत्र के दौरान उठाया था और उन्हीं की पहल पर विधानसभा अध्यक्ष ने तीन विधायकों की कमेटी का गठन कर मामले की जांच के आदेश दिए थे.


शर्मा ने कहा कि जिनके दहेज में मर्सिडीज आई थी, लेकिन बात सिर्फ पैसे की नहीं है. 700 गरीब सब्जी विक्रेताओं के साथ सरकार ने भद्दा मजाक किया था. आमतौर पर भाजपा सरकार पारदर्शिता की बात करती है, लेकिन इस पूरी आवंटन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार को ऐसे समझा जा सकता है कि इस मामले की वीडियोग्राफी तक नहीं कराई गई.


शर्मा ने कहा कि जब ये फड़ आवंटन किया गया तब तमाम नियमों को ताक पर रख दिया गया था. शर्मा ने कहा कि जो लोग वास्तव में सब्जी बेचने का काम करते हैं. उनको तो ये फड़ अलॉट नहीं किए गए. बल्कि तत्कालीन मंत्रियों, विधायकों, नेताओं और अफसरों के चहेतों को इन फड़ की बंदरबांट कर दी गई. शर्मा ने कहा कि सिर्फ डबुआ सब्जी मंडी में ही नहीं बल्कि ओल्ड फरीदाबाद की सब्जी मंडी में भी ऐसा ही फड़ वितरण घोटाला हुआ है. उस मामले की जांच भी सरकार को करनी चाहिए.