Delhi News: दिल्ली के करावल नगर के रहने वाले 17 वर्षीय रोहित कुमार दुनिया को अलविदा कहते-कहते 4 लोगों को जीवनदान दे गए. रोहित 12 जून को हरियाणा के बल्लभगढ़ में एक्सीडेंट में बुरी तरह घायल हो गए थे. उनके शरीर पर कई जगह चोटें आई थीं. दिल्ली AIIMS में डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड करार दिया था, जिसके बाद उनके परिवार को अंग दान का फैसला लिया.


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12 जून को हुई थी दुर्घटना
रोहित के हॉर्ट, लिवर और किडनी ने उनलोगों को नई जिंदगी दी, जो उम्मीदें छोड़ चुके थे. अंगदान की ये पूरी प्रक्रिया AIIMS दिल्ली में ही पूरी की गई. एक मीडिया रिपोर्ट में रोहित के पिता योगेश ने बताया है कि रोहित कक्षा 11वीं का छात्र था. जब ये दुर्घटना हुई तो वो अपने चाचा संग मोहना गांव में था. गंभीर रूप से घायल होने के बाद उसे आनन-फानन में 12 जून को उसको AIIMS दिल्ली लाया गया. तमाम जद्दोजहद के बावजूद भी उसे बचाया नहीं जा सका और आखिर में 20 जून को डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया.


दूसरों की शरीर में जिंदा है बेटा
इस दुख की घड़ी के बावजूद रोहित के पिता और रोहित के चाचा ने अंगदान का निर्णय लिया. रोहित के पिता योगेश जो पेशे से एक मजदूर हैं उन्होंने कहा, भले ही उनका बेटा अब उनके साथ नहीं है, लेकिन अपने अंगों से वो दूसरों के जीवन को सहारा देता रहेगा. उन्हें इस बात की सांत्वना है कि भले ही रोहित नहीं रहा, लेकिन उसके शरीर के अंग औरों के जीवन में जीवित रहेंगे, जिन्हें वो अंग मिले हैं.


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4 लोगों को मिली जिंदगी
AIIMS दिल्ली के ट्रांस्प्लांट को-ऑर्डिनेटर ने कहा कि रोहित के अंगदान से 4 लोगों को नई जिंदगी मिली है. उनके हॉर्ट को आर एंड आर अस्पताल में एक 20 वर्षीय व्यक्ति,  उनके लिवर को 34 वर्षिय एक महिला और उनकी एक किडनी को 61 वर्षीय एक महिला और दूसरी किडनी को  32 वर्षीय एक व्यक्ति के शरीर में प्रत्यारोपित किया गया है.