Delhi News: शारदीय नवरात्रि का आज महानवमी की पूजा धूमधाम से पूरे देश में की जा रही है और आज सभी मंदिरों और पूजा पंडालों में मां सिद्धिदात्री की पूजा होनी है. इसी कड़ी में चितरंजन पार्क, जोकि मिनी बंगाल के रूप में जाना जाता है. वहां दुर्गा पूजा महोत्सव धूमधाम से मना रहा है. जगह-जगह कई रंग-बिरंगे पंडाल बने हैं, मगर 'द कोऑपरेटिव ग्राउंड' का पूजा पंडाल इस बार दिल्ली वासियों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.


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दरअसल द कोऑपरेटिव ग्राउंड में बना पूजा पंडाल मां मुंडेश्वरी मंदिर के थीम पर बनाया गया है, जो बिहार के कैमूर जिले में स्थित है. बताया जाता है कि यह मंदिर 1700 साल पुराना है. इस मंदिर में भगवान शिव के साथ माता पार्वती की भी मूर्ति स्थापित है और यह मंदिर देश का सबसे पुराना फंक्शनल टेंपल के तौर पर जाना जाता है और इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां बली रक्तविहीन होता है.


वहीं द कोऑपरेटिव दुर्गा पूजा ग्राउंड की अकाउंटेंट लिपि चटर्जी बताती हैं कि हमारे पूजा पंडाल का यह 47 वां वर्ष है और हम चाहते हैं कि अभी 50 साल पूरे होने में 3 साल बाकी हैं तो हम मां शक्ति के सबसे प्राचीन स्थान का पता करके उसके थीम पर आने वाला 3 साल हम पूजा पंडाल के रूप में बनाएंगे. इसके बाद हमने कई मंदिरों का रिसर्च किया जो मां शक्तिपीठ हो.


इस दौरान हमें बिहार के कैमूर जिले में स्थित मां मुंडेश्वरी मंदिर के बारे में पता चला. इसके बारे में रिसर्च करने पर पता चला कि यह भारत का सबसे प्राचीन और दुर्लभ माता का मंदिर है, जिसे एएसआई के द्वारा सबसे पुराना फंक्शनल मंदिर घोषित किया गया है. फिर हम लोगों ने इस थीम पर मां मुंडेश्वरी टेंपल का प्रारूप तैयार करने की कोशिश की है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं. रोजाना लाखों की संख्या में भक्त इस पूजा पंडाल को देखने के लिए पहुंच रहे हैं और साथ ही मां के दर्शन कर रहे हैं.


Input: Hari Kishor Sah