Delhi News: केंद्र सरकार द्वारा अध्यादेश लाने के मामले में आप सरकार इसका लगातार विरेध कर रही हैं. वहीं इस मामले  में आप सांसद संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ऐसे लोकप्रिय नेता हैं, जो अरविंद केजरीवाल से इतने भयभीत हैं कि कुछ भी हो जाए अरविंद केजरीवाल को काम नहीं करने देना है. स्कूल, मोहल्ला क्लिनिक, बुजुर्ग को पेंशन फ्री बिजली सब को रोकना हैं, क्योंकि दिल्ली की जनता ने उन्हें 90% सीट दी.


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8 साल की लंबी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने फैसला सुनाया कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार सर्विसेज पर फैसला लेगी. लोगों सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए केंद्र एक अध्यादेश ले आई.


ये सुप्रीम कोर्ट और संविधान के खिलाफ है, ये अरविंद केजरीवाल या आम आदमी पार्टी का सवाल नहीं है. ये आपातकाल की स्थिति है, आप जो चाहें कर रहे हैं. ये तुगलकी फरमान है. जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया तो अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री की भुमिका पिता के समान बताई, लेकिन अगर एक पिता अपने बच्चे को बर्बाद करने पर तुला हो तो क्या कहें.


संजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री को भारत के संविधान और लोकतंत्र में कोई दिलचस्पी नहीं है. आज ये जो ऑर्डिनेंस आया है. ये सुप्रीम कोर्ट तो जाएगा ही, लेकिन ये कहते हैं कि अफसर मुख्यमंत्री के ऊपर हैं. LG दिल्ली की 2 करोड़ जनता से ऊपर है तो फिर चुनाव ही क्यों करवाते हैं. कोई भी अध्यादेश संविधान के दायरे के अंदर ही हो सकता है. आप संविधान से बाहर जाकर कोई अध्यादेश कैसे ला सकते हैं.


मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता देखिए कि उन्होंने देखा कि महिलाओं को देखकर बस नहीं रोकी गई तो उन्होंने कार्रवाई की. यही तो उनसे देखा नहीं जा रहा वो चाहते हैं कि महिला परेशान रहे, बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा ना मिले गरीबों के बच्चों को अच्छी शिक्षा न मिले. उन्होंने कहा कि सोचिए कैसी संकीर्ण मानसिकता के लोग बैठे हुए हैं, जो संविधान को पलटने और देश की सर्वोच्च अदालत को खत्म करने में लगे हुए हैं. ये सवाल सिर्फ अरविंद केजरीवाल का नहीं है.


इस पर मुख्यमंत्री फैसला लेंगे, लेकिन ये अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के फैसले के खिलाफ है. सड़क से लेकर संसद तक विरोध करेंगे. मुझे तो लगता है कि ये संसद तक जाएगा ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट पहले ही संज्ञान लेगा. अगर संसद तक गया तो आप देखिएगा सारा विपक्ष एक साथ होगा. 


संजय सिंह ने कहा कि जो लोग कुछ भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण देते हैं और किसी अधिकारी के बोलने पर उसे सस्पेंड कर देते हैं. वो हम से सवाल कर रहे हैं. हम तो सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू कर रहे थे.


वहीं 2000 नोट को लेकर केंद्र सरकार ने जो निर्णय लिया है. उस पर संजय सिंह ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि जिस तरीके से एक बंदर के हाथ में चाकू दे दी जाती है. वह कभी दाएं वार करता है, कभी बांय वार करता है. कभी सर पर वार करता है. ठीक उसी तरह से यह 2000 नोट को चलन से खत्म करने का ऐलान है.