Delhi News: दिल्ली के जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एलजी को पत्र लिखा. इसमें सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली में मौजूदा हालात को देखते हुए सवाल उठाए. उन्होंने लिखा कि दिल्लीवासियों की सुरक्षा और कल्याण की गहरी चिंता के साथ आपको यह पत्र लिख रहा हूं, उत्तरी भारतीय राज्य अब तक की सबसे भीषण प्राकृतिक आपदाओं में से एक का सामना कर रहे हैं, जो पिछले कई दशकों में नहीं देखी गई हैं. उन्होंने लिखा कि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, यूपी और दिल्ली में अभूतपूर्व बारिश हुई और अचानक बाढ़ आ गई.


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जानमाल की हानि और हजारों करोड़ की क्षति
यमुना नदी का खतरे का स्तर 205.33 मीटर पर है, लेकिन पिछले दो दिनों से यमुना का स्तर 208.6 मीटर को पार कर गया है. प्रशासन के दर्ज इतिहास में दिल्ली को सबसे भीषण बाढ़ का सामना 1978 में करना पड़ा था, जब यमुना का जलस्तर चरम पर यानी 207.49 मीटर पहुंच गया था. उस दौरान दिल्ली में कई लोगों की जान चली गई थी. वहीं लोगों का करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ था. 


वहीं पत्र में आगे लिखा कि 13 जुलाई 2023 को रात करीब 10 बजे मैं आईटीओ बैराज (हरियाणा सरकार द्वारा प्रबंधित) पर था और आईटीओ बैराज के जाम गेटों को खोलने के प्रयासों में व्यस्त था. वहीं हरियाणा सरकार के अधिकारियों और जल गोताखोरों की टीम के साथ समन्वय कर रहा था. मुझे माननीय मुख्यमंत्री अरविंद केरीवाल का एक आपातकालीन फोन आया, जिसे उन्होंने साझा किया.


रेगूलेटर ढहने से शहर में घुसा पानी
इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन में लगा रेगुलेटर ढह गया है, जिससे यमुना का पानी शहर में बहने लगा है. अधिकारी इसे लागू करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन इसमें बहुत कम सफलता मिली है. अगर जल्द ही समाधान नहीं किया गया तो यमुना का पानी भारत के सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) तक पहुंच जाएगा.