Delhi Hindi News: शाहबाद डेयरी में मजबूरी में सार्वजनिक शौचालय असामाजिक तत्वों का अड्डा बन रहा है. जहां खिड़की-दरवाजे भी चोरी होने से महिलाएं खुले में शौच करने पर मजबूर हैं.
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Delhi News: दिल्ली के शाहबाद डेयरी में स्लम बस्तियों की तरफ से बने सार्वजनिक शौचालय असामाजिक तत्वों का अड्डा बन रहा है. जहां नशे के आदी नशेड़ी नशा करते हैं. सावर्जनिक शौचालय के खिड़की-दरवाजे भी चोरी हो गए हैं. साथ ही स्लम बस्तियों के शौचालय खंडार में तब्दील हो रही है. लोगों का कहना है कि निगम पार्षद की बड़ी लापरवाही है कि यहां शौचालय को MCD का कूड़ा ढोने वाला ई-रिक्शा खड़ा करने का ठिकाना बना दिया है.
हमारी दिल्ली स्वच्छ दिल्ली इस तरह की स्लोगन जगह-जगह दीवारों पर लगे मिल जाएंगे. एक तरफ केंद्र सरकार और दूसरी तरफ दिल्ली सरकार दिल्ली को स्वच्छ रखने के लिए जागरूक अभियान भी चला रही है, लेकिन तमाम जागरूक अभियान शाहाबाद डेयरी के इस सावर्जनिक शौचालय को देखकर फेल हो जाते हैं. जहां गंदगी का अंबार और शौचालय के हालात बदल डाले. पहले यहां पर सभी खुले में शौच थे तो सभी लोग एतराज जताया करते थे. उसी को देखते हुए जगह-जगह सावर्जनिक शौचालय बनाए गए. ताकि कोई भी शख्स खुले में शौच न करें. इसके बाद भी शाहाबाद डेयरी के शौचालय के हालात ऐसे हैं कि इसमें शौच करना या खुले में शौच करना दोनों एक समान है. क्योंकि इस सावर्जनिक शौचालय की तमाम खिड़की, दरवाजें चोरी हो चुके हैं. वहीं यह असामाजिक तत्वों का ठिकाना बन चुका है.
शाहाबाद डेयरी की स्लम बस्ती में बना यह सावर्जनिक शौचालय अब कहीं ना कहीं न नशेड़ियों का अड्डा बन चुका है. असामाजिक तत्व यहां पहुंचकर अपनी नशे की जरूरतें पूरी करते हैं. शाहाबाद डेयरी इलाके में शौचालय को लेकर लोगों ने अपनी समस्या सुनाई. उन्होंने कहा कि सावर्जनिक शौचालय है, लेकिन इस्तेमाल नहीं किया जाता. मजबूरी में महिलाएं खुले में शौच करती हैं. वहीं शौचालय के अंदर जगह-जगह शराब की बोतलें नशा की मेडिसन रैपर जगह-जगह पड़ी हुई थी. निगम पार्षद द्वारा रिक्शा व ई रिक्शा भी इस शौचालय के अंदर खड़ी हुई हैं. लोगों का कहना है कि यहां निगम पार्षद द्वारा कूड़ा उठाने वाले रिक्शा व ई-रिक्शा की पार्किंग के रूप में इस शौचालय को इस्तेमाल भी किया जाने लगा है.
फिलहाल हमारी दिल्ली स्वच्छ दिल्ली का स्लोगन देने वाले जनप्रतिनिधि ही ऐसी समस्याओं पर ध्यान न देकर सावर्जनिक सौचालय जैसे जगह को रिक्सा पार्किंग ही बना दें वह नशे के आदि अपना ठिकाना बना ले. ऐसे में महिलाओं का सावर्जनिक शौचालय में जाना किसी खतरे से खाली नहीं. जरूरत है यहां के जनप्रतिनिधि समस्या पर ध्यान दें और शौचालय को दोबारा निर्माण कर सावर्जनिक शौचालय महिलाओं के लिए शुरू किया जाए.
Input: नीरज शर्मा