Delhi Politics News: दिल्ली सरकार और एल जी वीके सक्सेना के बीच किसी न किसी मुद्दो को लेकर तनातनी चलती रहती है. इसी कड़ी में सरकार और एल के बीच एक तरफ 400 निजी कर्मचारियों को सेवा से निष्कासित करने और दूसरी तरफ दिल्ली विद्युत नियामक आयोग में नियुक्ती को लेकर जंग तेज हो गई है. 


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DERC की नियुक्ति पर टली सुनवाई 
बता दें कि आज दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (DERC) की नियुक्ति पर दिल्ली सरकार ने याचिका दाखिल की थी, जिसको लेकर आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई.  DERC चैयरमैन की नियुक्ति को लेकर कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजा और अगली सुनवाई की डेट दी है. अब नियुक्ति को लेकर अगली सुनवाई 11 जुलाई को की जाएगी. तब तक केंद्र सरकार से नियुक्त डीईआरसी चैयरमैन शपथ नहीं सकेंगे. 


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LG ने 400 निजी कर्मचारियों को सेवा से हटा 
वहीं दूसरी ओर एलजी ने दिल्ली की आप सरकार के विभिन्न विभागों में कार्यरत 400 निजी कर्मचारियों को सेवा से हटा दिया. एलजी हाउस के अधिकारियों के मुताबिक कर्मचारी इन पदों के योग्य नहीं हैं. इसी को लेकर दिल्ली सरकार का कहना है कि योग्यता अनुभव के मापदंड को पूरा न करने वाले और बैक डोर एंट्री के माध्यम से भरे गए अध्येता/ सहयोगीअध्येता/ सलाहकार/ उप सलाहकार/ विशेषज्ञ/ वरिष्ठ अनुसंधान अधिकारी/ सलाहकार के रूप में लगे लगभग 400 निजी व्यक्तियों की सेवाओं को समाप्त कर दिया गया है. 


एलजी के पास ऐसा करने का अधिकार नहीं- दिल्ली सरकार 
इसी से साथ केजरीवाल सरकार का कहना है कि एलजी के पास ऐसा करने का अधिकार नहीं है. वह गैरकानूनी और संविधान के खिलाफ काम कर रहे हैं. उनका एकमात्र उद्देश्य दिल्ली सरकार को पंगु बनाने के लिए हर दिन नए तरीके खोजना है ताकि दिल्ली के लोगों को परेशानी हो. ये फेलो आईआईएम अहमदाबाद, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, एनएएलएसएआर, जेएनयू, एनआईटी, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, कैम्ब्रिज आदि जैसे शीर्ष कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से थे और विभिन्न विभागों में उत्कृष्ट काम कर रहे थे.