Delhi News: विकासपुरी में ग्राउंड वाटर पीने को मजबूर लोग, TDS रहता है 300 के आसपास
Delhi News: विकासपुरी के आरडब्लूए अधिकारियों का कहना है कि यहां के पानी का टीडीएस 700 के आसपास है जो फिल्टर करने के बाद भी 300 के आसपास रहता है, लेकिन मजबूरी में लोगों को यही पानी पीना पड़ता है, या फिर बाजार से पानी खरीदना पड़ता है.
Delhi News: देश की राजधानी में लगातार पीने की पानी की समस्या गंभीर होती जा रही है. जहां एक ओर लगातार तमाम प्रकार के दावे किए जाते हैं कि घर-घर साफ पीने की पानी पहुंच रही है. वहीं दूसरी ओर वेस्ट दिल्ली के विकासपुरी इलाके में लोग पीने की पानी को लेकर अभी भी ग्राउंड वाटर पर निर्भर हैं.
पीने की पानी को लेकर परेशान लोग
वेस्ट दिल्ली के विकासपुरी में आज भी हजारों लोग पीने की पानी के लिए ग्राउंड वाटर पर निर्भर हैं. गौर करने योग बात है आम आदमी पार्टी बिजली पानी के मुद्दे पर राज्य की सत्ता में आई थी, लेकिन विकासपुरी के 40 से अधिक सोसाइटी में आज भी हजारों लोग पीने की पानी को लेकर आज भी मजबूरी में ग्राउंड वाटर पर ही निर्भर हैं.
700 के आसपास पानी के TDS लेवल
विकासपुरी के आरडब्लूए अधिकारियों का कहना है कि यहां के पानी का टीडीएस 700 के आसपास है जो फिल्टर करने के बाद भी 300 के आसपास रहता है, लेकिन मजबूरी में लोगों को यही पानी पीना पड़ता है, या फिर बाजार से पानी खरीदना पड़ता है. लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार इस मामले में अधिकारियों और नेताओं से मुलाकात की, लेकिन अबतक उनके इस परेशानी का हल नहीं निकल पाया है.
बस वादे किए जाते हैं
विकासपुरी के लोगों का कहना है कि चुनावों में उनसे तमाम तरह के वादें होते हैं, लेकिन वे वादें महज वादें बनकर ही रह जाते हैं. लोगों का कहना है कि इन्होंने इस मामले में कई बार संबंधित अधिकारियों और नेताओं को इस समस्या से अवगत कराया, लेकिन इनके इस समस्या का समाधान अभी तक नहीं मिल पाया है. चुनावों में वादें तो किए जाते हैं, लेकिन आज तक वो कभी पूरे नहीं हुए.
लाखों रुपये बेकार
स्थानीय लोगों का कहना है कि साल 2019 में सरकार ने उन्हें पानी के कनेक्शन देने का वादा किया था. उनसे कहा गया था कि वो रेन वाटर हार्वेस्टिंग करें. इसके लिए लोगों ने लाखों रुपये खर्च कर रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए सिस्टम बनाया था, लेकिन बावजूद इसके किसी भी कॉलोनी में पानी की सप्लाई नहीं की गई. इसके बाद जब लोगों के इतने पैसे फंस गए तो सरकार ने इस योजना को ही बंद कर दिया.