Delhi News: दिल्ली का वजीराबाद रामघाट सबसे पुराना प्रसिद्ध घाट है. इस रामघाट के हालात बदहाल हैं. पूरी दिल्ली को यहीं से यमुना नदी का पानी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से साफ होकर जाता है, लेकिन रामघाट पर यमुना का पानी बड़ी मात्रा में प्रदूषित हो रहा है. इससे सरकारों को सफाई अभियान के दावों की पोल खुलती हुई नजर आ रही है.


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आपको बता दें वजीराबाद का रामघाट एक प्राचीन घाट है. इस प्राचीन रामघाट से कई पौराणिक कथाएं व किवदंती जुड़ी हुई हैं. इस घाट की वर्षों से सेवा कर रहे पंडित रजनीकांत चतुर्वेदी ने बताया कि एक पुरानी किदवंती है कि पुराने जमाने में फिरोजशाह तुगलक का वजीर भी इसी घाट पर नहाने व अपने घोड़ों को पानी पिलाने आया करता था. यही नहीं बल्कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की अस्थियां भी यही विसर्जित की गई थीं.


आज यह हालात इस कदर बदहाल हैं कि रामघाट पर चारों तरफ गंदगी का अंबार लगा गया है. पूरी यमुना में जलकुंभी का जल बिछा हुआ है. वहीं गंदे पानी में श्रद्धालु स्नान करने पर मजबूर हैं. 


वहां मौजूद स्थानीय निवासी ने बताया कि इस यमुना घाट की सफाई को लेकर कई बार फ्लड विभाग और नगर निगम को शिकायत दी है. फ्लड विभाग की तरफ से कहा जाता है कि उनकी जिम्मेदारी यमुना नदी के पानी की अंदर की सफाई करने की है. नगर निगम की तरफ से कहा जाता है कि उनकी जिम्मेदारी यमुना घाट के सफाई करने की नहीं है. वह उनके कार्य क्षेत्रफल से बाहर है, लेकिन कुछ निजी संस्थाएं व राजनेता यहां समय-समय पर सफाई के मुद्दों को उठाते हुए नजर आते हैं और सफाई अभियान भी उच्च स्तर पर किए जाते हैं. सफाई अभियान के नाम पर यहां पर फोटो और सेल्फी ले कर सभी वापस लौट जाते हैं. 


फिलहाल आपको बता दें कि दिल्ली की जनता के लिए जिस जगह से पानी वजीरबाद बैराज से ट्रीट होता है और साफ कर जनता को पीने के लिए दिया जाता है. उसी जगह पर यमुना नदी के हालात बद से बदतर होते हुए नजर आ रहे हैं. रामघाट की सफाई न होना कहीं न कहीं सरकारी एजेंसियों के सफाई अभियान के दावों की पोल खोलती हुई साफ नजर आ रहे हैं.


Input: Nasim Ahmad