Delhi Pollution:  दिल्ली में बढ़ते ध्वनि प्रदूषण को कम करने को लेकर एलजी विनय कुमार सक्सेना ने ट्रैफिक पुलिस को निर्देश दिए हैं. इसको लेकर पुलिस ने ध्वनि प्रदूषण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कमर कस ली है. ट्रैफिक पुलिस ऐसे लोगों पर कार्रवाई करेगी जो अपने वाहनों में मोडिफाइड सायलेंसर और प्रेशर हॉर्न का प्रयोग कर रहे हैं. 


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यहां सबसे ज्यादा प्रदूषण
बता दें कि आजकल लोगों में वाहनों को मोडिफाई कराने की होड़ मची हुई है. इसमें वो अपने वाहन का सायलेंसर और प्रेशर हॉर्न जैसे उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं अधिकारियों का कहना है कि सड़कों पर यह ध्वनि प्रदूषण काफी ज्यादा होता है. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के  रियल टाइम मॉनिटरिंग निगरानी स्टेशनों के आंकड़ों को देखें तो राजधानी के अधिकांश क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण का स्तर तय मानकों से घटता-बढ़ता रहता है. वहीं बात करें शाहदरा, लाजपत नगर, द्वारका, करोल बाग सहित कई जगहों पर ध्वनि प्रदूषण एक गंभीर समस्या है. 


बाइक से ज्यादा प्रदूषण
बता दें कि सामान्य तौर पर ध्वनि प्रदूषण दिन में 55 डेसीबल और रात में 44 डेसीबल से ज्यादा नहीं होना चाहिए. वहीं दिल्ली में कई जगहों पर यह रात में 68 डेसीबल तक चला जाता है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के अनुसार वाहन चालक नियमों का उल्लंघन करके ध्वनि प्रदूषण को बढ़ा रहे हैं. वहीं उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा प्रदूषण बाइक चालक द्वारा किया जा रहा है. 


बता दें कि कुछ युवा अपनी बाइक में मोडिफाइड सायलेंसर और प्रेशर हॉर्न लगवा लेते हैं. इससे वो बहुत ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं. मोडिफाइड सायलेंसर की मदद से वो तेज आवाज में पटाखे छोड़ते हैं और बिना बात ही प्रेशर हॉर्न का इस्तेमाल करते हैं. अगर इनकी बिक्री पर ही रोक लगा दी जाए तो ध्वनि प्रदूषण कम करने में बहुत ज्यादा मदद मिलेगी.