Delhi News: रविवार को एलायंस एयर की उड़ान से जयपुर से आने के बाद पार्किं   संस रोग से पीड़ित 84 वर्षीय एक महिला को दिल्ली IGI के टरमैक पर व्हीलचेयर के लिए तीन घंटे से अधिक समय तक इंतजार करना पड़ा. एयरलाइन ने कहा कि इस घटना की जांच की जा रही है. 


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सरकारी स्वामित्व वाली एयरलाइन ने यह भी कहा कि वह उस महिला यात्री के परिवार के सदस्यों के संपर्क में है, जो अपने बेटे के साथ यात्रा कर रही थीं. इस घटना के लिए पहले ही उनसे माफी मांग चुकी है. अलग से एलायंस एयर इस मामले को AI-SATS के साथ उठा रहा है, जो नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एयर इंडिया के लिए ग्राउंड हैंडलिंग सेवा ऑपरेटर भी है.


एलायंस एयर असिस्टेंट ने कहा, कुछ गड़बड़ी हुई थी. हम इस घटना को कई कोणों से देख रहे हैं. इसके अलावा हम इस मामले को ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसी एआई-एसएटीएस के साथ उठा रहे हैं. जिसे यात्री को व्हीलचेयर प्रदान करनी थी. ग्राहक सेवा सेवाओं के महाप्रबंधक मनोहर टुफ्ची ने यह बात न्यूज एंजेसी को बताई.  


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तुफ्ची ने कहा कि उन्होंने अपने बेटे से फोन पर बात की है और पहले ही घटना के लिए माफी मांग ली है और वे ग्राहक के संपर्क में थे. हालांकि, 15-20 मिनट के भीतर सभी यात्री विमान से उतर गए और वह अभी भी इसका इंतजार कर रही थी. जब विमान का एयर कंडीशनिंग सिस्टम भी बंद हो गया और केबिन गर्म हो गया तो उनके बेटे ने उन्हें किसी तरह विमान से नीचे उतारा. लेकिन इस बार, विमान के कर्मचारी और यात्रियों के कोच दोनों रनवे से चले गए थे. 


उनके बेटे ने अपनी मां के लिए व्हीलचेयर लाने के लिए ग्राउंड स्टाफ से भी मदद मांगी, जो सड़क पर फंसी हुई थी. मगर वे भी उसकी मदद नहीं कर सके. उसे विमान के कार्गो दरवाजे के पास अपनी मां की व्हीलचेयर मिली और आखिरकार उसने उसे बैठाया. इस मामले को लेकर पोस्ट किया गया, जिसमें नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू, पीएमओ और भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण को भी टैग किया गया है. 


पोस्ट में आगे कहा गया कि संयोग से उसी फ्लाइट के पायलट और को-पायलट को लेकर एक कार किसी काम से वहां आई और काफी मिन्नतों के बाद वे उसे अपनी कार में अराइवल टर्मिनल तक ले जाने को तैयार हुए.