Delhi Premium Bus: अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो अगस्त के महीने से दिल्लीवासी निजी कम्पनियों द्वारा संचालित वातानुकूलित बसों में सीटें बुक करा सकेंगे. क्योंकि दिल्ली सरकार इस महत्वाकांक्षी योजना को लागू करने की तैयारी कर रही है. दिल्ली मोटर वाहन लाइसेंसिंग एग्रीगेटर के तहत प्रीमियम बस की इस योजना को शुरू किया जाएगा. वहीं इसे दिल्ली सरकार ने पिछले साल अधिसूचित किया था.


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अगस्त के पहले सप्ताह तक बसों को दिखाई जा सकती है हरी झंडी
इस योजना का उद्देश्य शहर के भीतर निजी वाहनों के उपयोग को कम करना तथा प्रदूषण पर अंकुश लगाना है. परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस योजना के तहत दो एग्रीगेटर्स-उबर और एवेग को दिल्ली-एनसीआर में बसें चलाने के लिए लाइसेंस दिए गए हैं और वे उन मार्गों को अंतिम रूप दिया जा रहा है,  जिन पर सेवाएं शुरू की जाएंगी. ये दोनों एग्रीगेटर इस परियोजना से जुड़ चुके हैं और अंतिम पहलुओं पर उनके साथ बातचीत अंतिम चरण में है.  सब कुछ ठीक रहा तो इस महीने के अंत तक या अगस्त के पहले सप्ताह तक बसों को हरी झंडी दिखाना है.


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योजना के अनुसार, प्रीमियम बस कोई भी पूर्ण वातानुकूलित लक्जरी बस होगी, जिसमें कम से कम नौ यात्रियों के बैठने की क्षमता हो, पहले से आरक्षित सीटें हों, तथा जो वाईफाई, जीपीएस और सीसीटीवी से सुसज्जित हो. योजना में यह प्रावधान है कि यदि बस सीएनजी से चलती है तो वह तीन वर्ष से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए तथा 1 जनवरी, 2025 के बाद सेवा में शामिल होने वाली बसें इलेक्ट्रिक होनी चाहिए


इसमें यह भी आवश्यक है कि आवेदक का कॉर्पोरेट या शाखा कार्यालय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में स्थित हो. नाम न बताने की शर्त पर एवेग के एक अधिकारी ने बताया कि कंपनी ने पश्चिमी और मध्य दिल्ली में कुछ रूट तय कर लिए हैं. बसों के बेड़े में इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहन शामिल होंगे.


प्रत्येक शटल वाहन में 19 से 50 यात्री बैठ सकेंगे
दिसंबर के अंत तक हम पूरी तरह से इलेक्ट्रिक बस बेड़े में शामिल होने की योजना बना रहे हैं. बसों को इस महीने के अंत या अगस्त के पहले सप्ताह में हरी झंडी दिखा दी जाएगी. हमने उन सभी मार्गों का परीक्षण और निरीक्षण कर लिया है, जिन पर बसें चलेंगी. बसों में इतने ही यात्रियों के लिए 41 सीटें होंगी. लोग एवेग ऐप का उपयोग करके सीटें बुक कर सकेंगे. मई में एक बयान में उबर ने कहा था कि ग्राहक उबर ऐप पर 'उबर शटल' विकल्प चुनकर अपने पसंदीदा मार्ग पर सीटों की प्री-बुकिंग कर सकेंगे. प्रत्येक शटल वाहन में 19 से 50 यात्री बैठ सकेंगे और इसका संचालन उबर की प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए स्थानीय बेड़े के साझेदारों द्वारा किया जाएगा. परिवहन विभाग के सूत्रों ने बताया कि दोनों एग्रीगेटर्स को रूट, ड्राइवर का विवरण और बस का विवरण उन्हें सौंपना होगा.