Delhi Pollution: पिछले 2 दिनों से दिल्ली के अंदर सर्दियों के मौसम में पहली बार AQI 400 के पार गया है. 14 अक्टूबर के बाद से AQI का स्तर पूअर या वैरी पूअर कैटेगरी में था. प्रदूषण अचानक सीवियर कैटेगरी में क्यों गया और आगे गया होगा? मौसम विभाग के अनुसार पिछले दो दिनों में प्रदूषण में बढ़ोतरी के दो कारण हैं. एक पहाड़ों में बर्फबारी की वजह से दिल्ली के मौसम में ठंड बढ़ी इसकी वजह से धुंध बढ़ी. दूसरी हवा की गति धीमी पड़ी है. 12 और 13 नवंबर को हवा की गति 4 से 10 की थी. इतनी वजह से प्रदूषण बढ़ा. धुंध और हवा की कम गति की वजह से आसमान में प्रदूषण की लेयर बनी. 


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आज से हवा की गति में सुधार की संभावना है. आज का तापमान 29 था, 15 और 16 नवंबर को 30 डिग्री सेल्सियस रहेगा और हवा की गति भी बढ़ जाएगी. 6 से 16 की गति होने की संभावना है. गोपाल राय ने कहा कि कल से दोबारा प्रदूषण का स्तर जो बढ़ा था, उसमें सुधार होने की संभावना है. इसलिए दिल्ली में अभी GRAP 3 नहीं लगाया जा रहा है. कल CAQM ने बैठक हुई, GRAP 2 के नियमों को सख्ती से लागू किया जाएगा.


कुछ अभिभावकों द्वारा प्रदूषण के चलते प्राइमरी स्कूलों को बंद करने की मांग पर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि जब जो जरूरी कदम होता है सरकार उठाती है. अगर प्रदूषण का स्तर बढ़ता है तो पिछली साल की तरह बच्चे, बुर्जुगों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए जाएंगे.


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गोपाल राय ने कहा कि अगर दिल्ली का AQI का स्तर गंभीर श्रेणी में जाता है तो दिल्ली सरकार लोगों को प्रदूषण से बचाने के लिए बेहतर से बेहतर कदम उठाएगी.  प्रदूषण की स्थिति को लेकर के राजनीतिक बयानबाजी भी हो रही है. मैं कुछ तथ्य रखना चाहता हूं. CSC की 12 अक्टूबर से 3 नवंबर की ये रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली के अंदर जो प्रदूषण है वो किस वजह से है. वो दिल्लीवालों की वजह से है या फिर NCR और उत्तर भारत के अन्य राज्यों की वजह से?


मंत्री ने कहा कि यह स्टडी कहती हैं कि 12 अक्टूबर से 3 नवंबर के बीच प्रदूषण का दिल्ली का अपना सोर्स 30.34 % था. 34% NCR का प्रदूषण है. उत्तर भारत के अन्य राज्यों का 27% है. मैं पहले दिन से ये कहता हूं कि दिल्ली सरकार 24 घंटे प्रदूषण पर काम कर रही है, लेकिन केंद्र सरकार को NCR और पड़ोसी राज्यों का एक साझा प्लान बनाना होगा.


पराली की स्थिति को लेकर गोपाल राय ने कहा कि 2022 में जब हमारी पंजाब में सरकार बनी तो 14 अक्टूबर से 13 नंबर तक 45 हजार पराली जलाने की घटनाएं थी. लेकिन अब यह और इस साल केवल 7 हजार घटनाएं हुई. तकरीबन 80% पराली जलने की घटना पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने कम किया. ये आंकड़ा दिल्ली और पंजाब सरकार का नहीं है, केंद्र सरकार का है. उत्तर प्रदेश के अंदर 2022 में 1271 पराली जलाने की घटना थी, जो कि बढ़कर 2166 घटना हो गई. 


भाजपा की हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और केंद्र सरकार से गुजारिश है कि वो हाथ पर हाथ रखकर न बैठे. प्रदूषण कम करने में हमारा साथ दें. हम प्रदूषण को कम करने के लिए काम कर रहे हैं और आगे भी नजर बनाए रखेंगे.