Delhi Riots: देवांगना कालिता ने की दंगे से जुड़े वीडियो की मांग, HC ने पुलिस से मांगा जवाब
दिल्ली दंगा मामले में देवांगना कालिता की एक याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जदारी किया है. कोर्ट द्वारी जारी नोटिस में पुलिस से जवाब मांगा गया है. इसके साथ ही अब इस मामले में अगली सुनवाई जनवरी महीने में होगी. देवांगना ने कोर्ट से राहत की मांग की है.
Delhi Riots: दिल्ली दंगा मामले में देवांगना कालिता की एक याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जदारी किया है. कोर्ट द्वारी जारी नोटिस में पुलिस से जवाब मांगा गया है. इसके साथ ही अब इस मामले में अगली सुनवाई जनवरी महीने में होगी. देवांगना ने कोर्ट से राहत की मांग की है. इसके साथ ही पुलिस ने जिस व्हाट्सऐप चैट के आधार पर उनपर मुकदमा दर्ज किया है उन्होंने उसकी भी मांग की है.
व्हाट्सऐप चैट की मांग
दिल्ली दंगों की आरोपी देवांगना कालिता की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. देवांगना ने CAA-NRC के खिलाफ विरोध प्रदर्शन से जुड़ी वीडियो फुटेज की वीडियो रिकॉर्डिंग की मांग की है. इसके अलावा उन्होंने उस व्हाट्सऐप चैट भी को उपलब्ध कराने की मांग की है, जिसके आधार पर पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया है.
अगली सुनवाई जनवरी में होगी
बता दें कि देवांगना कालिता दिल्ली दंगों से जुड़े दो केस में आरोपी हैं. इनमे से एक केस UAPA के तहत दंगों की व्यापक साजिश को लेकर दर्ज किया गया है. देवांगना ने अंतरिम राहत के तौर पर दोनों केस में आरोप तय करने को लेकर जिरह पर रोक की मांग की है. दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिकाओं पर पुलिस को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने को कहा है. इस मामले में अगली सुनवाई जनवरी में होगी.
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दूसरे कानूनी विकल्प हो उपल्ब्ध
देवांगना कालिता की ओर से पेश वकील अदित पुजारी ने दलील दी कि CAA-NRC विरोध प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से अधिकृत किए गए शख्श ने रिकॉर्डिंग की है, लेकिन इन वीडियो फुटेज से साफ हो जाएगा कि वो बेकसूर हैं और घटनास्थल पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन ही कर रही थीं. वहीं दिल्ली पुलिस की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रोसेक्युटर मधुकर पांडेय ने याचिका की मेंटेबिलिटी पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये याचिका सुनवाई लायक नहीं है. कालिता को इस मांग को लेकर सीधे हाईकोर्ट का रुख करने के बजाए अपने पास उपलब्ध दूसरे कानूनी राहत के विकल्प इस्तेमाल करने चाहिए थे.