Sterilization Of Stray Dogs: राजधानी दिल्ली में कुत्तों के बढ़ते आतंक के बीच अब कुत्तों की नसबंदी का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. ग्रेटर कैलाश के NRI कांपलेक्स में रहने वाली एडवोकेट ननीता शर्मा ने कुत्तों की नसबंदी नहीं होने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. जिसमें खुलासा हुआ है कि MCD द्वारा निरंतर कुत्तों की नसबंदी नहीं की जा रही है, जबकि केंद्र सरकार के द्वारा उन्हें इस काम के लिए लाखों का फंड दिया जाता है. नसबंदी नहीं होने की वजह से दिल्ली में कुत्तों की आबादी तकरीबन तीन लाख के करीब पहुंच चुकी है और आए दिन लोग कुत्ते काटने की वारदात सामने आती हैं.


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कुछ दिनों पहले वसंत कुंज इलाके में दो भाइयों को कुत्ते ने काट लिया था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी इस बात का खुलासा हुआ कि दोनों भाइयों का मौत का कारण कुत्ते का काटना ही है. कुत्तों के काटने के बढ़ते मामलों को देखते हुए एडवोकेट ननीता शर्मा ने HC में याचिका दायर की.


इस मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट द्वारा चार डिपार्टमेंट को नोटिस दिया गया है, जिसमें सेंट्रल गवर्नमेंट, स्टेट गवर्नमेंट, MCD और एनिमल वेलफेयर बोर्ड शामिल हैं.


एडवोकेट ननीता शर्मा ने कहा कि दिल्ली में कुत्तों की नसबंदी नहीं होने की वजह से कुत्तों की तादाद बढ़ रही है. यही वजह है कि कुत्ते के द्वारा इंसान को काटने की खबर सामने आती हैं तो कभी इंसानों के द्वारा बेरहमी से कुत्ते को मारते की घटनाएं. अगर कुत्ते की आबादी बढ़ेगी तो वह भोजन के लिए इधर-उधर भटकेंगे और भोजन ना मिलने पर अग्रेसिव होकर इंसानों पर हमला करेंगे. 


एडवोकेट ननीता शर्मा ने कहा कि हमने RTI लगाकर यह जानकारी जुटाई कि दिल्ली में कुत्तों की नसबंदी हो रही है या नहीं. पता चला कि साल 2018 में महज 200 कुत्तों की नसबंदी की गई थी, जबकि यह काम MCD को हर साल करना चाहिए. MCD को कुत्तों की नसबंदी के लिए केंद्र सरकार से लाखों रुपये का फंड भी मिलता है, मगर धरातल पर काम नहीं हो पाता. सारा पैसा कहां जाता है, इसकी की भी कोई जानकारी नहीं है. 


वहीं जब इस बारे में दिल्ली सरकार से बात की गई तो पता चला कि दिल्ली सरकार MCD को कुत्तों की नसबंदी के लिए कोई फंड नहीं देती. सिर्फ उन्हें जगह मुहैया कराती है, इसलिए उनका कुत्तों की नसबंदी से कोई लेना-देना नहीं. एडवोकेट ननीता शर्मा ने हाईकोर्ट से मांग की है कि कुत्तों को भोजन कराने के लिए MCD द्वारा हर RWA के इलाके में एक जगह मुहैया कराई जाए, यहां लोग उन्हें खाना खिला सकेंगे. अगर जानवरों को खाना मिलता है तो वह कम एग्रेसिव होंगे और वहां आसानी से नसबंदी भी की जा सकेगी. वहीं एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कुत्तों की नसबंदी के बाद उनमें गुस्सा भी कम हो जाता है.


केंद्र सरकार के द्वारा एमसीडी को कुत्तों की नसबंदी के लिए 2021 तक फंड दिया गया, वहीं साल 2022- 23 में केंद्र सरकार द्वारा MCD को फंड नहीं मिला. दूसरे राज्यों में लगातार कुत्तों की नसबंदी की जा रही है, जिसका परिणाम भी अच्छा है. दिल्ली को भी कुत्तों की नसबंदी के लिए केंद्र सरकार की तरफ से फंड मिलना चाहिए और MCD द्वारा बना लापरवाही के इस काम को पूरा किया जाना चाहिए. इससे दिल्ली को लावरिस कुत्तों की समस्या से निजात मिलेगा.


Input- Hari Kishor Sah