दिल्ली पुलिस के काम की होनी चाहिए तारीफ, ग्रीन कॉरिडोर बना आर्मी जवान की मदद की
दिल्ली पुलिस ने एक आदमी को जीवनदान दिया है. दरअसल, एक पेशेंट ऑर्गन ट्रांसप्लान्ट होना था. इसके लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ऑर्गन ट्रांसपोर्टेशन के लिए एक ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया था.
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने एक आदमी को जीवनदान दिया है. दरअसल, एक पेशेंट ऑर्गन ट्रांसप्लान्ट होना था. इसके लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ऑर्गन ट्रांसपोर्टेशन के लिए एक ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया था. बुधवार को कंट्रोल रूम को सूचना मिली थी, कि जेपी ट्रॉमा सेंटर एम्स से आरआर अस्पताल धौला कुआं के बीच ग्रीन कॉरिडोर की सहायता दी जाए. दिल्ली पुलिस ने 8 किलोमीटर में कॉरिडोर बनाकर 7 मिनट में मदद पहुंचा दी.
दरअसल, एक 42 वर्षीय व्यक्ति जिनका नाम राकेश है, उन्हें डेड ब्रेन कंडीशन में ट्रामा सेंटर में एडमिट कराया गया था. उनका नोएडा एक्सप्रेसवे पर एक्सीडेंट हो गया था. जिस वजह से वो अचेत अवस्था में पहुंच गए थे. उनके परिजनों ने तय किया कि उनका लीवर किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दे दिया जाए. वह जरूरतमंद व्यक्ति आर्मी से बिलॉन्ग करते हैं. जिनकी उम्र 28 साल है. वे आरआर हॉस्पिटल नई दिल्ली में एडमिट थे. ऐसे में मृत व्यक्ति का लिवर एम्स अस्पताल से आरआर अस्पताल में ट्रांसपोर्ट होना था, जिसकी सूचना ट्रैफिक पुलिस को मिली थी.
सुबह 8:15 पर लिवर को अस्पताल में ट्रांसपोर्ट किया जाना था. पीक आवर होने की वजह से रोड पर काफी ट्रैफिक था. इसके लिए ग्रीन कॉरिडोर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने उपलब्ध कराया. ट्रॉमा सेंटर (एम्स) से आरआर हॉस्पिटल तक इस ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से ऑर्गन को पहुंचाया गया. इसमें एडिशनल सीपी, डीसीपी साउथ डिस्ट्रिक्ट, आदि का योगदान रहा. यह एक चुनौतीपूर्ण टास्क था. जिसे ट्रैफिक पुलिस स्टाफ ने पीक आवर्स में पूरा किया. जिस एंबुलेंस में ह्यूमन ऑर्गन कवर था, उस एंबुलेंस के 8 किलोमीटर के रास्ते को सिर्फ 7 मिनट में पूरा किया गया. जबकि इस रोड पर 40 से 50 मिनट का वक्त आमतौर पर लग जाता है. इससे ऑर्गन सही सलामत समय पर अस्पताल तक पहुंच पाया. जरूरतमंद आर्मी पर्सन का इलाज संभव हो पाया.
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