Delhi Water Bill Scheme: पानी के बिल पर छिड़ा घमासान, LG के लेटर पर CM केजरीवाल ने जताई 'आपत्ति'
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Delhi Water Bill Scheme: पानी के बिल पर छिड़ा घमासान, LG के लेटर पर CM केजरीवाल ने जताई 'आपत्ति'

Delhi Water Bill Scheme: राजधानी दिल्ली में पानी के बिल माफ करने के लिए लाई गई वन टाइम सेटलमेंट स्कीम को लेकर LG और CM केजरीवाल के बीच एक बार फिर विवाद शुरू हो गया है.

Delhi Water Bill Scheme: पानी के बिल पर छिड़ा घमासान, LG के लेटर पर CM केजरीवाल ने जताई 'आपत्ति'

Delhi Water Bill Scheme: राजधानी दिल्ली में पानी के बिल को लेकर शुरू हुआ घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. AAP का कहना है कि दिल्ली के  11 लाख परिवार पानी के बढ़े हुए बिल से परेशान हैं, जिससे राहत देने के लिए उनके द्वारा वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लाई गई है. लेकिन LG वीके सक्सेना द्वारा इसे लागू नहीं होने दिया जा रहा है. OTS स्कीम लागू कराने को लेकर AAP प्रदर्शन भी कर चुकी है. हाल ही में इस मामले में LG ने CM केजरीवाल को एक लेटर भेजा था, जिसके बाद अब CM केजरीवाल ने LG की भाषा पर आपत्ति जताई है.

LG का लेटर
दिल्ली में पानी के बिल को माफ करने के लिए लाई गई वन टाइम सेटलमेंट स्कीम को लेकर शुरू हुए विवाद के बीच LG ने CM केजरीवाल को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने AAP के आरोपों को भ्रामक बताया. LG ने कहा कि 'जल, वित्त और UD  विभाग पूरी तरह से दिल्ली सरकार के नियंत्रण में है, मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है. लेटर में LG ने ये भी कहा कि केवल 10 लाख उपभोक्ताओं को लाभ क्यों? 17 17 लाख ईमानदार उपभोक्ताओं द्वारा चुकाए गए बिल को भी दिल्ली सरकार ब्याज सहित लौटाए. 

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CM केजरीवाल ने भाषा पर उठाए सवाल
LG ने CM केजरीवाल के पत्र का जवाब देते हुए उनकी भाषा पर दुख जताया है. CM केजरीवाल ने कहा कि 'सर आप और मैं दोनों संवैधानिक पदाधिकारी हैं. मैं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार का मुख्यमंत्री हूं, जिसे दिल्ली के लोगों ने लोकतांत्रिक तरीके से चुना है. आप भारत की केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल हैं. हमारे मतभेद जो भी हों, हमारी राजनीतिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो, हमारे दृष्टिकोण कितने भी विविध क्यों न हों. एक संवैधानिक पदाधिकारी से दूसरे संवैधानिक पदाधिकारी के लिए इस तरह की आपत्तिजनक भाषा स्वीकार्य नहीं है. मेरी हार्दिक आशा है कि दिल्ली के लोगों के हित में हम सौहार्दपूर्ण और रचनात्मक कामकाजी संबंध बनाए रखने में सक्षम होंगे. आप कहते हैं कि जल विधेयक कैबिनेट नोट का मामला आपके ध्यान में कभी नहीं लाया गया. हालांकि, मैंने स्वयं आपसे इस विषय पर एक से अधिक बार चर्चा की है और आपके संज्ञान में लाया है कि दिल्ली जल बोर्ड, शहरी विकास विभाग और वित्त विभाग के अधिकारी बावजूद इसके प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद में न लाकर संवैधानिक संकट पैदा कर रहे हैं. इस दौरान मोहल्ला क्लीनिक में टेस्ट और दवाएं बंद रखने, फंड रोकने, शिकायत के बाद भी अफसरों पर कोई कार्रवाई नहीं करने की बात कही.'

 

 

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