Delhi Water Crisis: दिल्ली में पानी की समस्या दिन प्रतिदिन भयावह होती जा रही है. लोग अपना काम धाम छोड़कर पानी के लिए भटक रहे हैं. कोई दिल्ली जल बोर्ड के चक्कर लगा रहा है तो कोई प्राइवेट टैंकर के लिए चक्कर काट रहा है. पानी को लेकर दिल्ली में सियासत भी अपने चरम सीमा पर है. दिल्ली सरकार खुद पानी की समस्या को लेकर उनकी जल मंत्री चार दिनों से अनशन पर बैठी थी, आज उनका अनशन समाप्त हो गया, लेकिन लोगों को पानी की समस्या से निजात नहीं मिला. 


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पानी पर लगातार सियासत 
उनका आरोप है कि हरियाणा सरकार दिल्ली के हिस्से का पानी कम दे रही है, जिसके कारण दिल्ली वालों को पानी की दिक्कत हो रही है. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी लगातार दिल्ली सरकार पर हमलावर है और रोजाना दिल्ली सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रही है. दिल्ली सरकार पर आरोप लगा रही है कि जिसकी जिम्मेदारी है दिल्ली वालों को पानी देने का वो खुद अनशन पर बैठी थी. दिल्ली की जनता पानी के लिए त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रही है. दिल्ली सरकार पानी के मुद्दे को लेकर हरियाणा सरकार को चिट्ठी लिखने के बाद सुप्रीम कोर्ट गयी और उसके बाद प्रधानमंत्री तक को चिठ्ठी लिख चुकि है, लेकिन अभी तक कोई रास्ता नहीं निकला. दिल्ली वाले अब भी पानी के लिए तरस रहे हैं.


पानी के कारण परेशान है असोला गांव के लोग 
हम रोजाना आपको दिल्ली के अलग अलग हिस्सों में जहां लोगों को पानी की समस्या है वहां की तस्वीरें और वहां के लोगों की आपबीती सुनाते हैं. आज हम आपको दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर विधानसभा के असोला गांव के लोगों की आपबीती सुनाते हैं. असोला गांव बहुत पुराना गांव है. यहां हजारों परिवार रहते हैं. यहां पर ज्यादातर लोगों के पास गाय और भैंस है. जिसका दूध को बेचकर अपना भरण पोषण करते हैं. लेकिन इन दिनों पानी की यहां ऐसी समस्या हो गयी है कि इंसान तो इंसान जानवरों को भी पीने का पानी नहीं मिल रहा है.


पानी के चक्कर में गर्भवती महिला की मौत 
लोग दो-दो किलोमीटर से साइकिल या फिर मोटरसाइकिल पर पानी ढो रहे हैं. पानी के चक्कर मे चार दिन पहले एक गर्भवती महिला एवं उसके पेट मे पल रहे बच्चे की भी मौत हो गयी. लोगों ने बताया कि कुछ दूर से वो महिला जिसकी उम्र 23 साल थी और गर्भवती थी सर पर पानी लेकर आ रही थी और चक्कर खाकर गिर गई. अस्पताल ले जाते-जाते उसकी और उसके पेट मे पल रहे बच्चे की मौत हो गई. एक बुजुर्ग महिला का पैर स्लिप करने से कूल्हे का हड्डी टूट गई.


विधायक और पार्षद नहीं कर रहे कोई सुनवाई 
लोगों का आरोप है कि दिल्ली जल बोर्ड में जाने पर एक हजार रुपये टैंकर के लिए मांगते हैं. प्राइवेट टैंकर मनमाने दाम और मनमाने समय पर आते हैं. पूरी रात भर बाल्टी और डिब्बे की लाइन लगाकर पानी का इंतजार करते हैं. स्थानीय विधायक और पार्षद कोई सुनवाई नहीं करते. मैसेज करो फोन करो कोई जवाब नहीं मिलता. आज वो परेशान होकर वो विधायक और दिल्ली सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. बाल्टी और डब्बे लेकर बड़ी संख्या मे महिलाएं पुरुष और बच्चे विधायक और दिल्ली सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं.  
Input: Mukesh Singh