Delhi Wrestlers Protest: दिल्ली के जंतर-मंतर पर कल यानी बुधवार की देर रात 11 बजे करीब पहलवानों और पुलिस के बीच हाथापाई हो गई. इस दौरान दो पहलवानों के सिर फूट गए हैं. वहीं घटना के बाद बजरंग पूनिया ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी है. इसमें पूनिया ने मांग की है कि खिलाड़ियों की मांग जल्द से जल्द समाधान हो. 


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महिला पहलवानों से की बदसलूकी
बता दें कि रात की वारदात के बाद पूनिया ने गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर 3 मई की रात पुलिसवालों के साथ हुई झड़प के बारे में बताया. उन्होंने लिखा कि पुलिसवालों ने हमारे 2 पहलवानों के सिर फोड़ दिए हैं. साथ ही महिला पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और संगीता फोगाट के साथ बदसलूकी की और अपशब्द भी कहे.


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ऐसी घटनाओं से टूटता है मनोबल


वहीं पूनिया ने चिट्ठी में लिखा है कि विनेश फोगाट के साथ पुलिस अधिकारी ने गाली-गलौज की. इसके साथ ही पुरूष पुलिसकर्मियों ने साक्षी मलिक और संगीता फोगाट के साथ धक्का-मुक्की की. अंतरराष्ट्रीय पहलवानों पर इस तरह से हमला करना और इस तरह अपमानित करना, इससे खिलाड़ियों का मनोबल तूटता है. साथ ही देश की छवि को खराब होती है.
 
गृह मंत्री से की ये मांग
1. चिट्ठी में पूनिया ने मांग की है कि जो भी अधिकारी कल रात की घटना के लिए जिम्मेदार है, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होने चाहिए. 
2. वहीं उन्होंने मांग की है कि हमारे जिन साथियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है, उन्हें जल्द से जल्द रिहा करो.
3. साथ ही उन्होंने धरना प्रदर्शन करने के लिए जैसे वाटरप्रूफ टेंट. मजबूत स्टेज, पलंग, साउंड सिस्टम, गद्दे और प्रैक्टिस के लिए कुश्ती मैट और जिम का सामान लाने की अनुमति मांगी है.
4. वहीं उन्होंने मांग की है कि हमारी मांगों के संबंध में आला अधिकारियों से शीघ्र वार्ता कराई जाए.



वहीं बजरंग पूनिया ने कहा कि जिसको पकड़ना चाहिए उसको नहीं पकड़ रहे, लेकिन ये हमे घेर के बैठे हैं. उन्होंने कहा कि बारिश की वजह से आज यहां गीला था तो हम लकड़ी के फट्टे उतार रहे थे. इसके बाद पुलिस वालो ने धक्का-मुक्की करनी शुरू कर दी थी. इसमें हमारे दो पहलवानों के सिर फूट गए, एक को तो 7-8 टांके आए हैं. अगर हमारे साथ ये ही सब ही होना है तो मेडल क्या करने के लिए लाएं. अगर गरीब का कोई कानून नहीं है इस देश में तो गरीब को फांसी चढ़ा दो न. 


मुझे लगता है इनका ये मकसद है कि इस धरने को यहां से कैसे हटाएं. ये हमारे मान-सम्मान की लड़ाई है. पहले इसको राजनीतिक एंगल देने की कोशिश की गई. उन्होंने कहा कि हम किसानों के बच्चे हैं. खाप हमारे साथ नहीं होगी तो कौन होगा. पुलिस तो हमारे खिलाफ काम कर ही रही है. कैसे ये हमें मार रहे हैं. लड़कियों के साथ बतमीजी हुई है. हम तो खुद यहां लिमिटेड लोग रखते हैं, लेकिन फिर भी पुलिस ऐसा कर रही है.