Chandigarh news: हरियाणा बनाओ अभियान के संयोजक तथा पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता रणधीर सिंह बधरान ने कहा कि हरियाणा की अलग से नई राजधानी और अलग से उच्च न्यायालय होना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश के अनेक अधिवक्ता हरियाणा और पंजाब की अलग से बार काउंसिल की मांग रहे हैं. उन्होंने कहा कि अधिवक्ता अधिनियम के तहत अलग बार काउंसिल के निर्माण के लिए हरियाणा में अलग उच्च न्यायालय का निर्माण जरूरी है. रिकार्ड के अनुसार हरियाणा के 14 लाख से अधिक मामले हरियाणा के विभिन्न जिलों में सेशन कोर्ट और अधीनस्थ न्यायालयों के समक्ष लंबित है. जबकि लाखों मामले उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है. उन्होंने कहा कि कोर्ट केसों में त्वरित निर्णय के लिए हरियाणा और पंजाब दोनों राज्यों को अलग-अलग उच्च न्यायालय की आवश्यकता है.


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हरियाणा को नहीं मिल पाई खुद की राजधानी  
सेमिनार के बाद भारत सरकार के पूर्व उप सचिव महेन्द्र सिंह चोपड़ा ने प्रेस वार्ता की.  इस दौरान उन्होंने कहा कि वर्ष 1966 में सदियों के बाद हरियाणा क्षेत्र को पूर्ण प्रशासनिक इकाई के रूप में मान्यता मिली थी. उसी समय हिमाचल प्रदेश का गठन भी हुआ था. परन्तु हिमाचल प्रदेश के राजनीतिक नेतृत्व ने परिपक्वता और दूरदर्शिता का परिचय देते हुए उन्होंने अपनी अलग राजधानी और उच्च न्यायालय बनाकर अपने प्रदेश को एक अलग पहचान दी. परन्तु हरियाणा ऐसा नहीं कर पाया. हरियाणा को आज तक अपनी खुद की राजधानी और हाई कोर्ट नहीं मिल पाया है. 


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चंडीगढ़ कहता है कि वह तो केन्द्र शासित प्रदेश है
उन्होंने कहा कि अगर हरियाणा की खुद की राजधानी और हाईकोर्ट होगा तो एक तरफ जहां रोजगार के नए साधन पैदा होंगे, वहीं दूसरी तरफ लोगों को जल्दी न्याय मिल पाएगा. उन्होंने कहा कि इस मुहिम को एक जन-जागरण अभियान के रूप में शुरू किया जाएगा. प्रदेश के विभिन्न वर्गों के बीच में पहुंचकर प्रदेश के लिए अलग से राजधानी और हाई कोर्ट के गठन की मांग उठाई जाएगी. उन्होंने कहा कि जागरूकता और एक साथ मिलकर ही इस लक्ष्य को पूरा किया जा सकता है. हरियाणा एक शरीर के रूप में तभी पूर्ण हो पाएगा, जब हमारी खुद की राजधानी और हाईकोर्ट होगा. उन्होंने कहा कि पंजाब कहता है कि चंडीगढ़ उनका है, हरियाणा कहता है कि चंडीगढ़ उनका है, लेकिन चंडीगढ़ कहता है कि वह तो केन्द्र शासित प्रदेश है. इसलिए जरूरी है कि प्रदेश सरकार केंद्र व उच्चतर न्यायालय के सहयोग से खुद की राजधानी और हाई कोर्ट का निर्माण करे.
Input: Sunil Kumar