विपिन शर्मा/कैथल: देश में हर साल स्वतंत्रता दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, परंतु जो प्रतिभागी इस प्रोग्राम में अपनी प्रस्तुति देकर चार चांद लगाते हैं. जिला प्रशासन उन बच्चों की तरफ कोई ध्यान नहीं देता है. मुख्य अतिथि के आने से एक घंटा पहले ही बच्चों को ग्राउंड में कर खड़ा कर दिया जाता है. वहीं जिन अधिकारियों के कंधों पर इस पूरे प्रोग्राम का जिम्मा होता है. वे तो आए हुए मुख्य अतिथि की जी-हजूरी में ही लगे रहते हैं. इसके बाद चाहे बच्चे भाड़ में जाए. ऐसा ही एक जीता जागता उदाहरण आज कैथल के उपमंडल कलायत में देखने को मिला. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा आज मुख्य अतिथि के रुप में पहुंचे थे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ये भी पढ़ें: Independence Day 2022: छत्रसाल स्टेडियम में सीएम केजरीवाल ने फहराया तिरंगा, कही ये बड़ी बातें


कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ने अपना भाषण शुरू किया तो उनका भाषण लगातार 30 मिनट से अधिक समय तक चलता रहा. इस कारण परेड में हिस्सा ले रहे बच्चे और कई पुलिसकर्मी चक्कर खाकर बीच में ही गिर गए. यही नहीं चक्कर आकर गिरने वाली तीन लड़कियों की हालत इतनी खराब हो गई कि उनको हॉस्पिटल में एडमिट करवाना पड़ा. गिरने वाली दो लड़कियों को ठोडी तथा दांतो पर गहरी चोटें आई. वहीं एक लड़की की चक्कर आने से तबीयत ज्यादा खराब हो गई, जिसके बाद उनको कलायत के सरकारी अस्पताल में दाखिल करवाया गया.


चोटिल हुए छात्रों के साथ प्रोग्राम में लेकर आई टीचर मंजू ने बताया कि ज्यादा गर्मी होने के कारण उनकी 2 छात्राएं चक्कर आकर गिर गई थी, जिनमें से एक के मुंह तथा दांतों पर चोट आई है और गर्मी ज्यादा होने के कारण प्रोग्राम में हिस्सा लेने आए सभी बच्चों का यही हाल हुआ है. चोटिल हुए उनके बच्चों को फिलहाल हॉस्पिटल भेजा गया है.


इस प्रोग्राम में अपने बच्चों के साथ आए अभिभावक तथा टीचरों ने कैमरे के सामने न आकर इस प्रोग्राम व्यवथा पर सवाल उठाए. जिनका कहना था कि मुख्य अतिथि तो कूलर की ठंडी हवा में आराम से भाषण देते रहे परंतु बच्चों को इतनी गर्मी में इतनी देर खड़ा नहीं रखना चाहिए. यह सब मुख्य अतिथि के लंबे भाषण के कारण हुआ है. 


इसके बाद जी मीडिया की टीम चोटिल हुई छात्राओं के पास हॉस्पिटल में गई तो उनके साथ न तो उनके कोई टीचर थे और न ही कोई जिला प्रशासन का अधिकारी. ऐसे में जिम्मेदार टीचर तथा जिम्मेदार अधिकारियों पर भी सवाल खड़ा होता है कि जिनके भरोसे अभिभावक बच्चों को प्रोग्राम में भेजते हैं. अगर वह ही बच्चों की देखभाल नहीं करेंगे तो फिर कौन अपने बच्चों को चोटिल होने के लिए ऐसे प्रोग्रामों में भेजेंगे.


कलायत हॉस्पिटल में दाखिल छात्राओं के बारे में जानकारी देते हुए डॉक्टर ने बताया कि उनके हॉस्पिटल में कुल 3 छात्राओं को लाया गया है, जिनमें से 2 छात्राओं को मुंह पर चोट लगी है और एक छात्रा की चक्कर आने से तबीयत खराब हो गई थी. फिलहाल सभी की हालत स्थिर है.


प्रोग्राम के आयोजन की व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन के उन अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़ा होता है, जिनके कंधों पर यह पूरा प्रोग्राम चल रहा था. जिला लोक संपर्क विभाग के अधिकारियों द्वारा मुख्य अतिथि का भाषण काफी लंबा लिखा गया था, जिसको मुख्य अतिथि रणबीर गंगवा ने पूरा पढ़ा जिस कारण यह स्थिति पैदा हुई. गनीमत रहते यदि मुख्य अतिथि के भाषण को छोटा ही लिखा जाता तो यह घटना न घटती.