Chandra Grahan 2023: इस साल का पहला चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) वैशाख पूर्णिमा यानी बुद्ध पुर्णिमा पर 5 मई 2023 को लगेगा, जो कि एक उपछाया ग्रहण (Penumbral Eclipse) होगा. इस साल कुल 4 ग्रहण देखने को मिलेंगे, जिसमें 2 सूर्यग्रहण और 2 चन्द्र ग्रहण शामिल हैं. इससे पहले 20 अप्रैल को पहला सूर्य ग्रहण लगा था, वहीं 28 अक्टूबर को आखिरी चन्द्र ग्रहण लगेगा. जानते हैं साल के पहले चन्द्र ग्रहण का समय, सूतक काल और सभी राशियों पर इसका प्रभाव.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

चंद्र ग्रहण 2023 डेट (Lunar Eclipse 2023 Date)- 5 मई 2023


चंद्र ग्रहण 2023 का समय
चंद्र ग्रहण 5 मई को भारतीय समयानुसार 8 बजकर 44 मिनट से शुरू होगा और 10 बजकर 52 मिनट पर यह अपने चरम पर होगा. रात करीब 1 बजे ग्रहण समाप्त हो जाएगा. यह कुल 4 घंटे 18 मिनट का होगा. 


इन देशों में दिखाई देगा चंद्र ग्रहण 
साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, ये यूरोप, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, प्रशांत, अटलांटिक और हिंद महासागर के कुछ क्षेत्रों में दिखाई देगा. 


चंद्र ग्रहण का सूतक काल
चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण के समय से 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है, लेकिन साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए ग्रहण का सूतक काल भी भारत में मान्य नहीं होगा.


क्या है उपछाया चंद्र ग्रहण (Upchaya Chandra Grahan) 
जब चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया न पड़कर उपछाया पड़ती है, तो इसे उपच्‍छाया चंद्र ग्रहण कहा जाता है. चंद्र ग्रहण लगने से पहले चंद्रमा पृथ्वी की उपछाया में प्रवेश करता है, जिसे चंद्र मालिन्य कहते हैं. अंग्रेजी में इसे Penumbra कहते हैं. इसके बाद चांद पृथ्वी की वास्तविक छाया भूभा (Umbra) में प्रवेश करती है, लेकिन कई बार चंद्रमा उपछाया में प्रवेश करके उपछाया शंकु से बाहर निकल जाता है, जिसकी वजह से चंद्रमा का रंग मटमैला हो जाता है. इसे उपछाया चंद्र ग्रहण करते हैं.


चंद्रग्रहण के प्रकार 
चंद्रग्रहण को आसान शब्दों में समझें तो जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है तब पृथ्वी सूर्य के प्रकाश को चन्द्रमा की सतह तक पहुंचने से रोक देती है, इस घटना को चंद्रग्रहण कहा जाता है. चंद्रग्रहण पूर्णिमा के दिन होता है. चंद्रग्रहण तीन प्रकार का होता है पूर्ण चंद्र ग्रहण, आंशिक चंद्र ग्रहण और उपच्छाया चंद्र ग्रहण.