Kawad Yatra 2023: कांवड़ लेकर वापस आ रहे शिव भक्त, करेंगे जल अभिषेक, हर जगह बम लहरी की गूंज
Kawad Yatra 2023: सावन का महीना है और जगह-जगह बम लहरी की गूंज सुनाई दे रही है और शिव भक्तों ने अपने आराध्या के नाम की कांवड़ को लेकर अपने स्थान पर लौट रहे हैं. इसी को लेकर जगह-जगह पुलिसवालों को कांवड़ियों की मदद के लिए तैनात किया गया है.
Kawad Yatra 2023: सावन का महीना है और जगह-जगह बम लहरी की गूंज सुनाई दे रही है और शिव भक्तों ने अपने आराध्या के नाम की कांवड़ उठा ली है. आलम ये है कि फिजा में शिव के जयकरों की गूंज है. इस बीच भक्ति के अलग-अलग रंग भी देखने को मिल रहे हैं. श्रावण में होने वाली कांवड़ यात्रा बड़ी लंबी और भव्य है, तो तैयारियां भी पुख्ता है. जगह-जगह पुलिसवालों को कांवड़ियों की मदद के लिए तैनात किया गया है.
ऐसे में Zee मीडिया संवाददाता ने जीरो ग्राउंड पर जाकर कांवड़ लेकर आ रही शिव के भक्तों और सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों से की खास बातचीत की. कांवड लेकर वापस अपने घर की ओर लौट रहे कांवड़ियों की देखभाल और सुरक्षा में तैनात पुलिस अधिकारी धर्मपाल ने बताया कि यहां बहुत अच्छी सुविधा है पूरा प्रशासन लगा हुआ है, जितने भी कावड़िए जल लेकर वापस आ रहे हैं उनके रुकने, आराम का भी इंतजाम किया गया है.
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उन्होंने बताया कि टेंट लगाया हुआ है. कांवड़ियों के यहां से गुजरने पर दोनों तरफ से सड़क को ब्लॉक कर दिया जाता है. ताकि उनको निकलने में कोई असुविधा न हो. उनके निकलने के बाद ही ट्रैफिक को चलाया जाता है. स्वास्थ्य के लिए भी अलग से डॉक्टर की टीम आई हुई है. किसी भी भोले भक्त को चोट लगने की हालत में उन्हें फर्स्ट एड और दवाइयां भी दी जा रही हैं.
शिविर में मौजूद प्राथमिक चिकित्सा
हरिद्वार से कांवड़ लाए भोले के भक्त कांवड़िए के पैर में छालों पर दवाई लगाते हुए शिविर में मौजूद प्राथमिक चिकित्सक बताते हैं कि यहां पर जिसके भी पैरों में छाले, दर्द हो रहा है उनकी हम ड्रेसिंग कर देते हैं. दर्द की दवाइयां भी यहां पर रखी हुई, जितनी भी चिकित्सा यहां हो सकती है वह हम दे रहे हैं. इसके अलावा हर चौराहे पर एंबुलेंस खड़ी हुई है, जिसके द्वारा हम उन्हें अस्पताल भी भेज सकते हैं. आज और कल से ज्यादा कांवड़िए आ रहे हैं. लगभग सो-डेढ़ सौ कांवड़ियों का उपचार किया जा रहा है रोजाना. ज्यादातर इलाज के लिए पैर में छाले वाले और कंध पैरों में दर्द वाले कांवड़िये आ रहे हैं.
तो वहीं, पैरों में छालों पर दवाई लगवा रहे इंद्र ने बताया कि वह हरिद्वार से कांवड़ ला रहे हैं. रास्ते में अच्छी सुविधा मिली शिविर मौजूद थे. यह मेरी चौथी कांवड़ है. पहले और अब में कांवड़ यात्रा में काफी फर्क आ गया है. पहले इतने शिविर नहीं होते थे अब ज्यादा शिविर लग रहे हैं सुविधा के लिए. फरीदाबाद में मौसम ठीक है. रास्ते में 4 दिन तक लगातार बारिश में भी कर आ रहे हैं कपड़े भी नहीं सूख रहे. बारिश की वजह से भीगने के बाद भीगे कपड़ों के कारण वजन और बढ़ जाता है.
कावड़ लाते हुए भोले के भक्त
हरिद्वार से आए हैं और पेनगलपुर गांव जा रहे हैं कांवड़ लेकर. लगभग 300 किलोमीटर की पैदल यात्रा. अच्छा अनुभव रहा. मैं यह 12-13 साल से कावर ला रहा हूं. उत्तर प्रदेश में बहुत अच्छी व्यवस्था थी. यहां पल्ला पर से कहीं-कहीं लापरवाही हुई थी. मोटरसाइकिल वाले नहीं रुक रहे थे. पल्ला पर बड़ी मुश्किल से रोड क्रॉस किया. वहीं, फरीदाबाद के हसनपुर गांव जटोली से हरिद्वार कांवड़ लेने गई लच्छों ने बताया कि किलोमीटर का रास्ता लगभग साढ़े 300 किलोमीटर का रास्ता तय होगा. पहले भी कांवड़ लेकर आती रही हूं. फागुन में भी लाई हूं और अब सामान में भी ला रही हूं.
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यहां से जाकर 84 धाम की परिक्रमा करने जाऊंगी. उसके बाद गोवर्धन गई थी पैदल-पैदल परिक्रमा लगाने. उसके बाद अब हरिद्वार से कांवड़ लेकर आ रही हूं पैदल. कितना भी किलोमीटर चला लीजिए मुझ पर बालाजी बाबा का हाथ है. मैं कैंसर की मरीज थी घरवाले को सांस की प्रॉब्लम थी सब ठीक हो गया. मेरा कैंसर बिल्कुल खत्म हो गया. मेरी उम्र 55 साल है. 15 तारीख को भोले बाबा को जल चढ़ा देंगे.
(इनपुटः अमित चौधरी)