Pitru Paksha 2023: भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि को साथ पितृ पक्ष 29 सितंबर यानी शुक्रवार से शुरू होने जा रहे हैं. इसी के साथ 14 अक्टूबर, शनिवार को सर्वपितृ अमावस्या के साथ समाप्त हो रहे हैं. कहते हैं कि पितृपक्ष के दौरान पितर पृथ्वी पर ही वास करते हैं. इसी के साथ परिवार के साथ पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण आदि करके अपने पितरों को प्रसन्न करने के सुख-सौभाग्य का आशीर्वाद पाते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ज्योतिष के अनुसार, कुछ खास उपाय करके व्यक्ति पितृदोष से छुटकारा पा सकते हैं तो चलिए जनते हैं कि पितृदोष के लक्षण और उपायों के बारे में...


ये भी पढ़ें- Astro Tips: रोटी परोसते वक्त रखे बस ये छोटा सा ध्यान, तरक्की के खुल जाएंगे द्वार


तीन ऋण


शास्त्रों के अनुसार, मनुष्य तीन ऋण से दबा हुआ होता है... जो देव ऋण, ऋषि ऋण और पितृ ऋण. मनुष्य को अपनी जीवन में इन तीनों ऋण से मुक्ति पाने के लिए कई तरह के उपायों को करना चाहिए. ऐसा ना करने पर व्यक्ति को जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. इतना ही नहीं पितृ अतृप्त होने से अपने परिवार के सदस्यों को सताते हैं.


पितृदोष के लक्षण


पितृ दोष होने से संतान प्राप्ति में समस्याएं उत्पन्न होती है.


पितृ दोष होने से संतान उत्पन्न होती है, तो वह शारीरिक, मानसिक रूप से विकलांग होती है या फिर पैदा होते ही मृत्यु हो जाती है.


पितृ दोष होने से नौकरी से लेकर व्यापार में लगातार हानि होती है.


पितृ दोष होने से परिवार के सदस्यों के बीच मन-मुटाव रहता है.


पितृ दोष होने से घर में कोई न कोई बीमारी रहता है.


ये भी पढ़ें- Saturday Remedies: शनि का ये रत्न कर देगा मालामाल, पहनने से पहले कर लें ये उपाय


पितृ दोष होने से घर के बच्चों की शादी में अड़चन आती है.


पितृदोष होने से व्यक्ति को दुर्घटना का सामना करना पड़ सकता है.


पितृ दोष होने से मान-प्रतिष्ठा में हानि होती है.


पितृ दोष होने से मृत्यु का भय हमेशा बना रहता है.


पितृदोष के उपाय


पितृ दोष से बचने के लिए सूर्योदय के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य देना बेहद शुभ माना जाता है. इसलिए एक तांबे के लोटे में जल, सिंदूर, अक्षत, लाल फूल डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें. साथ ही इस मंत्र को बोले- ऊँ घृणि: सूर्य आदित्य


ये भी पढ़ें- Shani Transit in Kumbh 2025: शनि के गोचर से इन राशियों की चमकेगी किस्मत, साथ ही साढ़े साती से मिलेगा छुटकारा


इस पाठ का करें जाप


पितृ दोष के कष्टों को दूर करने के लिए सूर्य तांत्रिक मंत्र, दशाक्षर सूर्य मंत्र, आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना लाभकारी सिद्ध हो सकता है.


गायत्री मंत्र का करें जाप


पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए गायत्री मंत्र का जाप करें... ‘ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न:


प्रचोदयात्।’


ये भी पढ़ें- Grah Gochar October 2023: अक्टूबर में ये 6 ग्रह बदलेंगे अपनी चाल, इन राशियों को मिलेगा लाभ, मिलेगी अपार धन दौलत


सूर्य कवच का करें पाठ


पितृ दोष से राहत पाने के लिए... ‘श्री सूर्य वज्र पंजर कवचम्’ का पाठ करना चाहिए.


दीपक जलाएं


पितृपक्ष के दौरान रोजाना शाम के समय दक्षिण दिशा की ओर दीपक जलाएं