नई दिल्ली: मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) के सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत नए सरकारी कार्यालयों को जोड़ने वाले 3 किमी मेट्रो लूप कॉरिडोर के निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है. इस महीने के अंत तक इसके काम को पूरा कर लिया जाएगा. इस कॉरिडोर के बन जाने से सुबह और शाम के पीक समय में 20 हजार से अधिक लोगों को आने-जाने में आसानी होगी. 


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2020 में हुआ था शिलान्यास
सेंट्रल विस्टा परियोजना का शिलान्यास दिसंबर 2020 में हुआ था. इसके तहत संसद के लिए नए त्रिभुजाकार भवन और समान केन्द्रीय सचिवालय का निर्माण शामिल है. सात ही इस परियोजना के तहत विजय चौक से इंडिया गेट तक के रास्ते (राजपथ) को बेहतर बनाने और वहां अन्य सुविधा उपलब्ध कराना भी शामिल है. डीएमआरसी और केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके अनुसार मेट्रो लूप के निर्माण के लिए डीएमआरसी तकनीकी और अन्य सेवा मुहैया कराएगा. 


मेट्रो लूप कॉरिडोर में होंगे 4 स्टेशन
नई सर्कुलर लाइन में चार मेट्रो स्टेशन होंगे और इसे मौजूदा मेट्रो कॉरिडोर- येलो लाइन और वायलेट लाइन से अलग बनाया जाएगा. केंद्रीय सचिवालय स्टेशन (Central Secretariat station) में येलो लाइन और वायलेट लाइन के बीच इंटरचेंज की सुविधा दी जाएगी. 


केंद्र सरकार के इन विभाग के कर्मचारियों को होगा फायदा
मेट्रो लूप कॉरिडोर के शुरू हो जाने से शास्त्री भवन, उद्योग भवन, रेल भवन, सेना भवन सहित लगभग 10 विभागों में कार्यरत कर्मचारी और अधिकारियों को फायदा होगा और उनके आने-जाने के समय की भी बचत होगी. साथ ही लूप मेट्रो सेवा शुरू हो जाने से गुरुग्राम जाने वाली येलो लाइन और फरीदाबाद जाने वाली वॉयलेट लाइन के यात्रियों  केंद्रीय सचिवालय पर इंटरचेंज कर सकेंगे.


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