Ambedkar Jayanti 2023 Quotes: अपने भाग्य की बजाय अपनी मजबूती पर विश्वास करो, पढ़ें बाबा साहेब के ऐसे ही प्रेरणादायक विचार
Dr. Bhimrao Ambedkar Jayanti 2023 Quotes In Hindi: `देश के विकास से पहले हमें अपनी बुद्धि के विकास की आवश्यकता है` पढ़िए बाबा साहेब के ऐसे ही प्रेरणादायक विचार.
Dr. Bhimrao Ambedkar Jayanti 2023 Quotes: देश के संविधान रचयिता और पहले कानून मंत्री डॉ. भीमराव अंबेडकर को बाबा साहेब के नाम से भी जाना जाता है. 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू के दलित परिवार में जन्मे बाबा साहेब समाज की हीन भावना को सहते हुए बड़े हुए, जिसने इन्हें समाज की असमानताओं, भेदभाव को दूर करने की प्रेरणा दी. अपने विचारों और व्यक्ति से बाबा साहेब ने समाज को सही मार्ग दिखाने का प्रयास किया. आज के आर्टिकल में हम आपके लिए उनके ऐसे ही कुछ प्रेरणादायक विचार लेकर आए हैं, जो जीवन में आगे बढ़ने में आपकी मदद करेंगे.
डॉ. भीमराव अंबेडकर के प्रेरणादायक विचार (Dr. Bhimrao Ambedkar Quotes)
1. एक विचार को प्रसार की उतनी ही आवश्यकता होती है, जितना कि एक पौधे को पानी की आवश्यकता होती है.
नहीं तो दोनों मुरझाएंगे और मर जायेंगे.
2. देश के विकास से पहले हमें अपनी बुद्धि के विकास की आवश्यकता है.
3. जीवन लंबा होने की बजाय महान होना चाहिए.
4. न्याय हमेशा समानता के विचार को पैदा करता है.
5. वे इतिहास नहीं बना सकते जो इतिहास को भूल जाते हैं.
6. अपने भाग्य की बजाय अपनी मजबूती पर विश्वास करो.
7. कानून और व्यवस्था राजनीतिक शरीर की दवा है और जब राजनीतिक शरीर बीमार पड़े तो दवा जरूर दी जानी चाहिए.
8. मैं ऐसे धर्म को मानता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है.
9. यदि मुझे लगा कि संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है तो सबसे पहले मैं इसे जलाऊंगा.
10. शिक्षा जितनी पुरूषों के लिए आवश्यक है, उतनी ही महिलाओं के लिए भी.
11. बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए.
12. शिक्षित बनो, संगठित रहो और उत्तेजित बनो.
13. धर्म मनुष्य के लिए है ना कि मनुष्य धर्म के लिए.
14. मैं एक समुदाय की प्रगति को उस डिग्री से मापता हूं जो महिलाओं ने हासिल की है.
15. जो व्यक्ति अपनी मौत को हमेशा याद रखता है, वह सदा अच्छे कार्य में लगा रहता है.
16. समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत रूप में स्वीकार करना होगा.
17. एक महान आदमी एक प्रतिष्ठित आदमी से इस तरह से अलग होता है, वह समाज का नौकर बनने को तैयार रहता है.
18. जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हासिल कर लेते, कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है वो आपके लिए बेईमानी है.