Haryana: न मोदी की न राहुल की देखो तस्वीर हकीकत की, `विकास की गंगा` के बीच नूंह के दो गांवों में तीन माह से नहीं आ रहा पीने का पानी
Water Crisis: बडोजी और गहबर गांव के लोगों ने डीसी को बताया कि उन्हें टैंकर से पानी मंगवाना पड़ रहा है. एक टैंकर पानी के लिए उन्हें दो से तीन हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. इतना खर्च करना गरीब लोगों के बस की बात नहीं है. उन्हें पाइपलाइन से पानी मिले.
Haryana Lok Sabha Election 2024: हरियाणा में लोकसभा चुनाव के लिए 25 मई को मतदान होना है. सभी दस सीटों से बीजेपी प्रत्याशी मोदी सरकार में बही विकास की गंगा में अपने हाथ धोना चाहते हैं. बड़ी-बड़ी रैली और रोड शो के जरिये ये बताने की कोशिश हो रही है कि किस तरह 10 साल की मोदी सरकार में देश के हर वर्ग को मूलभूत सुविधाओं से लाद दिया गया है और अगर इस विकास को बरकरार रखना है तो आपको अपने वोट की ताकत से बीजेपी के 400 पार के सपने को साकार करना होगा. वहीं कांग्रेस नेता भी बुधवार को अपने हरियाणा दौरे पर कहते देखे गए कि बीजेपी सरकार में गरीब और गरीब व अमीर और अमीर होता जा रहा है. अब अगर इन आसमानी दावों से इतर नूंह के दो गांवों के हालात पर नजर डालें तो विकास की तस्वीर कुछ और ही निकलकर सामने आती है. ये तस्वीर है बडोजी और गहबर गांव की, जहां तीन माह से पीने का पानी नहीं आ रहा है.
दरअसल इस दोनों गांवों के लोगों ने मिनी सचिवालय में डीसी से मुलाकात कर उन्हें अपनी व्यथा बताई. ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें इस भीषण गर्मी में पेयजल समस्या से जूझना पड़ रहा है. वह पिछले 3 महीने से लगातार अपने घरों में टैंकरों से पानी डलवा रहे हैं, जिससे उन्हें काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. एक टैंकर पानी के लिए उन्हें दो से तीन हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. इतना खर्च करना गरीब लोगों के बस की बात नहीं है. ग्रामीणों ने डीसी से पेयजल समस्या का समाधान करने की मांग की.
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दफ्तरों के चक्कर से थक चुके हैं ग्रामीण
ग्रामीणों ने डीसी से कहा कि उन्हें टैंकरों से पानी नहीं चाहिए, टैंकर आने के बाद ग्रामीणों में हड़कंप मच जाता है. ग्रामीणों ने कहा कि उनके गांव से गुजर रही पानी की लाइन से ही उन्हें पानी पहुंचाया जाए, जिससे सभी के घरों में पानी आ सके. उन्होंने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के दफ्तरों के 3 महीने से लगातार चक्कर काटते काटते शिकायतों के ढेर लगा दिए हैं, लेकिन विभाग की तरफ से अभी तक उनके गांव में पीने का पानी मुहैया कराने की ओर कोई कोशिश नहीं की गई है. उपायुक्त धीरेन्द्र खडगटा ने सभी ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि उनके गांव में टैंकरों द्वारा पीने का पानी मुहैया कराया जाएगा और समस्या का जल्द से जल्द समाधान करने की कोशिश की जाएगी.
हर घर नल योजना की हवा निकली
मोदी सरकार ने 2019 में हर घर नल योजना शुरू की थी. उस समय वादा किया गया था कि 2024 तक हर हर ग्रामीण घर में नल से पानी पहुंचाया जाएगा, लेकिन अंतिम साल के 5 महीने पूरे हो चुके है और नूंह के इन गांवों में अब लाइन तो पहुंची है पर नल अब भी सूखे. ग्रामीणों ने डीसी से मांग की कि उन्हें अपने घरों में पाइप लाइन से पानी चाहिए न कि टैंकरों से.
Input: Anil Mohania