E-Crop Compensation Portal: फसल हो गई है खराब तो करें यहां आवेदन, सरकार देगी मुआवजा
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana1634417

E-Crop Compensation Portal: फसल हो गई है खराब तो करें यहां आवेदन, सरकार देगी मुआवजा

फसल के मुआवजे के लिए स्लैब निर्धारित किए गए हैं. पटवारी और कानूनगो इस पोर्टल पर प्राप्त होने वाले फसल खराबे के सभी आवेदनों को चेक करेंगे और खराबे की प्रतिशत तथा खेत की फोटो अपलोड करते हुए हर एंट्री की वेरिफिकेशन अथवा पुष्टि करेंगे.

  • - फसल खराबे की जानकारी देने के लिए ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल पर आवेदन करें किसान
  • - पारदर्शिता से खराबे की रिपोर्ट, आंकलन, वेरिफिकेशन किसानों को मुआवजा देने में कारगर है ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टलः डीसी

Trending Photos

E-Crop Compensation Portal: फसल हो गई है खराब तो करें यहां आवेदन, सरकार देगी मुआवजा

गुरुग्रामः फसल खराबे का पारदर्शिता से आंकलन करने और उसी अनुसार प्रभावित किसानों को मुआवजा देने के लिए हरियाणा सरकार ने 'ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल' शुरू किया है. इस पोर्टल के माध्यम से किसान अब सीधे ही उनकी फसलों को हुए नुकसान की जानकारी स्वयं दर्ज कर सकेंगे. डीसी निशांत कुमार यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला में बारिश से जिन किसानों की फसल खराब हुई है, वो किसान ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल पर फसल खराबे की भरपाई के लिए आवेदन कर सकते हैं.

ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टलः https://fasal.haryana.gov.in/farmer/khrabalogin

किसान अपने परिवार पहचान पत्र आईडी, मोबाइल नंबर या किसान आईडी भरकर लॉग इन कर सकता है. इस ‘ई-फसल क्षति पूर्ति पोर्टल’ को 'मेरी फसल-मेरा ब्योरा' पोर्टल के साथ लिंक किया हुआ है, इसलिए जिस खसरा नंबर में जिस फसल को बारिश से नुकसान हुआ है, उस खसरा नंबर के सामने खराबा भरें. इसमें फसल खराब का कारण, तारीख, फसल में कितनी प्रतिशत नुकसान हुआ है और उस खसरा नंबर का बीमा करवाया है कि नहीं, यह समस्त जानकरियां भरना जरूरी है.

ये भी पढ़ेंः Haryana Farmer: सरकार के बाद बारिश ने धोए किसानों के अरमान, MSP पर नहीं खरीदी जा रही सरसों

उन्होने कहा कि फसलों में हुए खराबे के आंकलन, सत्यापन और मुआवजा देने की प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में हरियाणा सरकार का यह ऐतिहासिक कदम है. उन्होंने स्पष्ट किया कि जो किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना व बीज विकास कार्यक्रम के तहत कवर हैं, उन किसानों को इस सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा.

डीसी ने बताया कि फसल के मुआवजे के लिए स्लैब निर्धारित किए गए हैं. पटवारी और कानूनगो इस पोर्टल पर प्राप्त होने वाले फसल खराबे के सभी आवेदनों को चेक करेंगे और खराबे की प्रतिशत तथा खेत की फोटो अपलोड करते हुए हर एंट्री की वेरिफिकेशन अथवा पुष्टि करेंगे.

(इनपुटः विनोद लांबा)

Trending news