Earthquake in Delhi-NCR: राजधानी दिल्ली में एक बार फिर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.1 दर्ज की गई. भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदूकुश में जमीन से करीब 220 किलोमीटर नीचे था. दिल्ली के साथ ही चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर और पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए.


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क्यों आता है भूकंप
भूकंप आने की मुख्य वजह टेक्टोनिकल प्लेट में होने वाली हलचल होती है. दरअसल, धरती की सतह कई टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है. ये प्लेट्स तैरती रहती हैं और कई बार एक-दूसरे से टकराकर मुड़ जाती हैं और फिर टूट जाती हैं. ऐसे में नीचे से बाहर निकलने का रास्ता खोजती हैं, जिसकी वजह से भूकंप आता है. कई बार उल्का के प्रभाव, ज्वालामुखी में विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग के दौरान भी भूकंप के झटके महसूस किए जा सकते हैं. 


किससे मापते हैं भूकंप की तीव्रता
भूकंप की तीव्रता मापने के लिए सिस्मोग्राफ का उपयोग किया जाता है, इसके माध्यम से धरती के अंदर हुई हलचल का ग्राफ बनाया जाता है. इसके बाद इसी ग्राफ के आधार पर रिक्टर पैमाने के माध्यम से भूकंप की तीव्रता बताई जाती है. 


भूकंप की तीव्रता बढ़ने पर क्या परिणाम हो सकते हैं- 


0 से 1.9- सिर्फ सिस्मोग्राफ से ही पता किया जा सकता है. 


2 से 2.9- हल्का कंपन होता है. 


3 से 3.9- कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, इतना असर समझ आता है. 


4 से 4.9- खिड़कियां टूट सकती हैं, दीवारों पर टंगी फ्रेम तक गिर सकती है. 


5 से 5.9- फर्नीचर जैसा भारी सामान भी हिल सकता है.


6 से 6.9- इमारतों की नींव में दरार आ सकती है, ऊपरी मंजिलों को भी नुकसान हो सकता है. 


7 से 7.9- इमारतें गिर जाती हैं. 


8 से 8.9- इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं.


9 या उससे ज्यादा- 9 से ज्यादा की तीव्रता का भूकंप तबाही लेकर आता है, मैदान में खड़े व्यक्ति को भी धरती लहराती हुई नजर आती है.