Delhi EWS Admission: शिक्षा मॉडल को लेकर चर्चा में रहने वाली दिल्ली सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के बच्चों के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. दिल्ली सरकार ने EWS के तहत बच्चों के एडमिशन को आसान बनाने का ऐलान किया है. शिक्षा मंत्री आतिशी ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ अहम बैठक करने के बाद  एडमिशन प्रोसेस की मॉनिटरिंग की योजना बनाई है. इससे प्राइवेट स्कूल संचालकों की मनमानी को रोका जा सकेगा. 


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शिक्षा मंत्री आतिशी ने प्राइवेट स्कूल संचालकों की मनमानी को रोकने के लिए 4 सूत्रीय एक्शन प्लान बनाया है- 


1. शिक्षा विभाग और डीसीपीआर की एक संयुक्त कमेटी बनाई जाएगी, जो एडमिशन प्रोसेस पर नजर रखेगी.


2. सभी जिलों में एक नोडल ऑफिसर नियुक्त किया जाएगा, जो सभी स्कूलों पर नजर रखेगा. इसके साथ ही एडमिशन संबंधी किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर पेरेंट्स नोडल ऑफिसर से संपर्क कर सकेंगे.शिक्षा निदेशालय द्वारा हर हफ्ते इसकी रिपोर्ट भी शिक्षा मंत्री को भेजी जाएगी.


3. प्रवेश से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी के लिए शिक्षा विभाग द्वारा पेरेंट्स को SMS भेजे जाएंगे.


4. स्कूलों द्वारा दाखिला नहीं देने पर उन पर उचित कार्रवाई की जाएगी. 


EWS (Economically Weaker Section) क्या है?
EWS (Economically Weaker Section) यानी कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को शिक्षा और सरकारी नौकरी में आरक्षण देने के लिए सरकार द्वारा साल 2019 में संविधान में 103वां संशोधन किया गया, जिसके तहत ये नियम बनाया गया. इसमें सालाना 8 लाख रुपये से कम आय वाले व्यक्तियों को EWS श्रेणी में शामिल कर उन्हें 10 फीसदी आरक्षण का लाभ दिया जाता है. 


प्राइवेट स्कूलों की मनमानी की वजह से नहीं मिलता एडमिशन
राजधानी दिल्ली में प्राइवेट स्कूल संचालकों की मनमानी की वजह से EWS श्रेणी के बच्चों को एडमिशन नहीं मिल पाता. शिक्षा मंत्री आतिशी द्वारा इस पात्र बच्चों को एडमिशन दिलाने और प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए 4 सूत्रीय एक्शन प्लान बनाया गया है. अब अगर स्कूल संचालकों द्वारा EWS में चयनित बच्चों को एडमिशन नहीं दिया जाता तो उन पर कार्रवाई भी की जाएगी.