Faridabad News: औद्योगिक नगरी फरीदाबाद की बात की जाए तो AQI 500 तक पहुंचता नजर आ रहा है. ऐसे में फरीदाबाद में लोगों को सांस लेना दुश्वार हो रहा है, जिनको सांस लेने की कोई दिक्कत है. उनके लिए बहुत ज्यादा समस्याएं सामने आ रही हैं. इसके अलावा लोगों को सांस लेने और आंखों में भी जलन महसूस होने लगी हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अगर बात करें विजिबिलिटी की तो हाइवे पर चलने वाले वाहन चालकों को धुंध की तरह दिखाई दे रही स्मॉग के कारण दूर तक देखने में बाधा हो रही है, जिसके कारण वाहन चालकों को भी वाहन चलाने में समस्या हो रही है. शहर में लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण ग्रैप 3 के नियमों को सख्ती से लागू कर दिया गया है. बावजूद इसके शहर में निचले स्तर पर इन नियमों का पालन होता नजर नहीं आ रहा है.


ये भी पढ़ें: Delhi News: प्रदूषण को लेकर BJP ने दिल्ली सरकार पर कसा तंज, अगले 15 दिन होंगे और खतरनाक


 


शहर का जिम्मेदार संबंधित विभाग अपनी जिम्मेदारी को कितनी गंभीरता से निभा रहा है. इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि अभी तक न तो प्रदूषण कर रही किसी कंपनी के ऊपर बड़ी कार्रवाई की कोई बड़ी खबर सामने आई है और न ही शहर के कोने-कोने पर कूड़े में आग लगाने वालों पर चालान की कोई खबर. शायद शहर को राम भरोसे छोड़ दिया गया है. ऐसे में ज़ी मीडिया संवाददाता अमित चौधरी फरीदाबाद के सेक्टर 12 के टाउन पार्क पहुंचे. वहां उन्होंने लोगों के मन की बात जानी और शहर के लगातार बढ़ते प्रदूषण को लेकर बातचीत की.


वहीं प्रदूषण का लेवल इतना बढ़ गया है कि गांव भी इससे अछूते नहीं हैं. खेत खलियान व पेड़- पौधे बहुत ज्यादा होते हैं, जिससे वहां का वातावरण हमेशा सामान्य रहता है, लेकिन आज राजधानी दिल्ली की आबो-हवा बेहद ही खराब हो चुकी है. हर जगह पॉल्यूशन की एक धुंधली परत चारों तरफ दिखाई दे रही है. दिल्ली के ग्रामीण इलाके जैसे पल्ला, बख्तावरपुर, तिगीपुर, हिरणकी गांव व अन्य कई ग्रामीण इलाकों में प्रदूषण लेवल मापा गया तो यहां भी एयर क्वालिटी 358 के पार नजर आई, जो कि एक बेहद ही खराब श्रेणी में है.


Input: Amit Chaudhary