Farmers Delhi Chalo March: 13 फरवरी को MSP सहित कई मांगों को लेकर किसानों ने दिल्ली कूच का ऐलान किया, लेकिन प्रशासन द्वारा की गई बैरिकेडिंग की वजह से किसान  पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर की सीमा को पार नहीं कर पाए. पिछले 24 दिन से किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं. वहीं किसानों द्वारा 6 फरवरी को एक बार फिर दिल्ली कूच का ऐलान किया गया. हालांकि, शंभू और खनौरी बॉर्डर के किसान इसमें शामिल नहीं हो रहे हैं. वो बॉर्डर से विरोध प्रदर्शन करेंगे, वहीं देश के अलग-अलग राज्यों से किसान ट्रेन,बस और पैदल चलकर दिल्ली पहुंच रहे हैं.


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6 मार्च को नहीं दिखा प्रदर्शन का असर
6 मार्च को किसानों के दिल्ली कूच के ऐलान के बाद राजधानी दिल्ली में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए. दिल्ली पुलिस ने टिकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर भी सुरक्षा बढ़ा दी. इसके साथ ही राजधानी दिल्ली के रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, मेट्रो स्टेशन पर भी पुलिस हर आने-जाने वाले पर नजर रख रही थी.लोगों को ऐसा लग रहा था कि किसान किसी भी वक्त दिल्ली में पहुंचकर प्रदर्शन शुरू कर देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. दिल्ली में बुधवार को किसानों के दिल्ली कूच का ज्यादा असर देखने को नहीं मिला. वहीं अब किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने इसके पीछे की वजह बताई है. 


किसानों को दिल्ली पहुंचने में लगेगा समय
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने दिल्ली कूच के बारे में जानकरी देते हुए बताया कि हमने 6 मार्च को दिल्ली कूच का ऐलान किया था, इसका मतलब ये नहीं था कि हम 6 मार्च को दिल्ली पहुंच जाएंगे. देशभर के किसानों से 6 मार्च को दिल्ली कूच के लिए रवाना होने की अपील की गई थी. किसानों को दिल्ली पहुंचने में 2-3 दिन का समय लगेगा. वहीं पैदल दिल्ली कूच के लिए निकले किसानों को इससे ज्यादा समय भी लग सकता है. पंढेर का कहना है कि आगमी 8-9 मार्च तक किसानों के दिल्ली पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जाएगा. इस दौरान किसान नेता ने पुलिस द्वारा जगह-जगह बैरीकेडिंग करने पर भी जमकर निशाना साधा.