Farmers Protest: MSP सहित कई मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने दिल्ली कूच के ऐलान को दो दिन के लिए टालने का फैसला किया है. दरअसल, बुधवार को प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस के बीच खनौरी बॉर्डर पर झड़प हो गई, जिसमें एक युवा किसान की मौत हो गई. इसके बाद किसान नेता जगजीत डल्लेवाल और सरवण पंधेर ने दो दिन के लिए दिल्ल कूच के फैसले को टाल दिया गया है. दो दिन किसान आंदोलन को लेकर अपनी रणनीति बनाएंगे और फिर 23 फरवरी को इस पर कोई फैसला करेंगे. वहीं खनौरी बॉर्डर पर हुई झड़प के विरोध में आज भारतीय किसान यूनियन(चढ़ूनी) ने हरियाणा में दोपहर 12 से 2 बजे तक रोड जाम करने का ऐलान किया है. 


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हरियाणा में 2 घंटे रोड जाम
प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन और पुलिस के बर्ताव के विरोध में आज भारतीय किसान यूनियन(चढ़ूनी) ने हरियाणा में दोपहर 12 से 2 बजे तक दो घंटे के लिए रोज जाम करने का ऐलान किया है. इसकी वजह स हरियाणा को लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.


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सरकार के साथ किसानों की वार्ता
अब तक किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच 4 बार वार्ता हो चुकी है, लेकिन उसमें किसानों की मांगों को लेकर सहमति नहीं बन पाई. अब एक बार फिर किसान नेताओं को केंद्र सरकार की तरफ से 5वें दौर की वार्ता के लिए आमंत्रित किया गया है. इससे पहले दिल्ली में मंत्रियों की संयुक्त मीटिंग होगी, जिसमें किसानों की मांगों का रिव्यू किया जाएगा. इस मीटिंग में गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद रहेंगे.  ऐसा माना जा रहा है कि किसान नेताओं और सरकार के बीच आज होने वाली बातचीत में किसानों की मांगों पर सहमति बन सकती है. इससे पहले किसानों और सरकार के बीच हुई वार्ता में 5 फसलों पर MSP देने का प्रस्ताव लाया गया था, जिससे किसानों ने इनकार कर दिया. 


किसानों की प्रमुख मांगें- 
-  MSP पर फसलों की खरीद की गारंटी का कानून
- डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से फसलों की कीमत तय हो
- किसानों, मजदूरों का कर्जा माफ हो
- 60 साल से अधिक उम्र के किसानों को पेंशन दी जाए
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू किया जाए
- लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा
- मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक
- विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए
- मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम और 700 रुपए मजदूरी
- किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा, सरकारी नौकरी मिले
- नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां व खाद वाली कंपनियों के लिए कड़ा कानून
- मिर्च, हल्दी एवं अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन 
- संविधान की 5 सूची को लागू कर आदिवासियों की जमीन की लूट बंद की जाए