Farmers Protest: Kurukshetra News: कल शाम चंड़ीगढ़ में किसान नेताओं और केंद्र के बीच चौथे दौर की बैठक हुई जो कि बेनतीजा रही. किसानों और सरकार के बीच हुई बात को लेकर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने प्रेसवार्ता की. उन्होंने कहा कि जब तक तिलहन फसलों पर MSP नहीं दी जाएगी, तब तक किसानों को कोई फायदा नहीं होगा. 


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कुरुक्षेत्र की जाट धर्मशाला में आज भारतीय किसान यूनियन चढूनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी की ओर से पत्रकारवार्ता आयोजित की गई, जिसमें कल देर रात किसान संगठनों और केंद्रीय मंत्रियों की हुई बैठक में 5 फसलों को एमएसपी देने की बात तय हुई. इसमें तिलहन की फसलों को नहीं जोड़ा गया है. चढूनी ने कहा कि हरियाणा में इन फसलों का महत्व है. जबतक इन फसलों को एमएसपी में शामिल नहीं किया जाता तब तक हरियाणा के किसानों के लिए सरकार द्वारा लिए गए फैंसले का कोई मतलब नहीं. उन्होंने कहा कि इन फसलों में बाजरे का जिक्र नहीं किया गया और न ही किसी क्षेत्र का जिक्र किया गया.


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साथ ही चढूनी ने कहा कि यह भी एक मुद्दा है कि एमएसपी किन-किन राज्यों में दी जाएगी. अगर हरियाणा को इसमें शामिल नहीं किया जाता तो हरियाणा के किसान आंदोलन के लिए तैयार है. किसानों द्वारा लड़े जा रहे आंदोलन में हरियाणा के किसान पीछे नहीं है. हरियाणा के किसानों ने भी इस आंदोलन में भूमिका निभाई है. चाहे वो टोल प्लाजा फ्री करने की बात हो, चाहे ट्रैक्टर मार्च निकालाना हो. 


वही इंटरनेट सेवा में बंद होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि आजकल सभी काम इंटरनेट के माध्यम से हो रहे हैं. लोगों ने अपनी जेब में पैसा रखना बंद कर दिया है और इंटरनेट के ही जरिये से पैसे का लेनदेन कर रहे हैं.  वही बच्चों की पढ़ाई भी इंटरनेट की वजह से बाधित हो रही है. नेट बंद करने से किसान आंदोलन बंद नहीं होगा. चढूनी ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री चंडीगढ़ मीटिंग में बैठे हैं तो हरियाणा के मुख्यमंत्री को भी मीटिंग में बैठाना चाहिए था.


INPUT: DARSHAN KAIT