चंडीगढ़: हरियाणा में एक बार फिर से किसान आंदोलन की तैयारियां शुरू हो गई हैं. 24 नवंबर को किसान आंदोलन के 2 साल पूरे हो जाएंगे, इस दिन भारतीय किसान यूनियन ने अंबाला में मोड़ा अनाज मंडी के नजदीक रेल रोको आंदोलन करने का ऐलान किया है. आंदोलन के दौरान कई किसानों पर केस दर्ज किए गए थे, किसानों द्वारा सभी केस वापस लेने की मांग की जा रही है.  


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भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने प्रेस वार्ता करते हुए बताया कि हरियाणा सरकार ने कुल 294 मुकदमे किसानों पर दर्ज किये थे, जिसमें से 163 मुकदमे वापिस ले लिए है. अभी भी कुछ किसानों के मुकदमे वापस नहीं लिए गए हैं. किसानों के रेल रोको आंदोलन के ऐलान के बाद अब रेल मंत्रालय ने सारे मुकदमे वापस लेने की तैयारी शुरू कर दी है. रेलवे की तैयारी को देखते हुए रेलवे ट्रैक रोकने का फैसला वापस ले लिया गया है.


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सरकार पर लगाया गुमराह करने का आरोप 
भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि गृह मंत्री अनिल विज के साथ किसानों का किसी तरह का कोई समझौता नही हुआ हैं.
अनिल विज सबको गुमराह करने का कार्य कर रहे हैं. किसानों को घटिया बीज दिए जा रहे है, इस पर बातचीत हुई थी, लेकिन इस बात को किसी और ही तरफ मोड़ दिया गया. मुकदमे वापस लेने की जगह Untrace बताकर सरकार किसानों को गुमराह कर रही है. 


मुकदमा वापस नहीं लेने पर GT Road करेंगे जाम
आगामी 24 नवंबर तक किसानों के खिलाफ दर्ज सभी मुकदमे अगर वापस नहीं लिए जाते, तो 24 नवंबर को किसान अंबाला में मोड़ा अनाज मंडी के पास जीटी रोड जाम करेंगे. इसके साथ ही किसान यूनियन के अध्यक्ष ने ये भी कहा कि सरकार तय समय तक सभी मुकदमे वापस ले, नहीं तो मजबूरी में हमें जाम लगाना पड़ेगा और आमजनों को परेशानी उठानी पड़ेगी.