Farmers Protest: JCB, हाईड्रोलिक क्रेन, बुलेट प्रूफ पोकलेन, जानें क्या है किसानों के दिल्ली कूच का मास्टर प्लान
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Farmers Protest: JCB, हाईड्रोलिक क्रेन, बुलेट प्रूफ पोकलेन, जानें क्या है किसानों के दिल्ली कूच का मास्टर प्लान

Farmers Protest: किसान अपने साथ जो मशीनें लेकर पहुंचे हैं वो बुलेट प्रूफ हैं. इन मशीनों पर गोलियों और आंसू गैस के गोलों का कोई असर नहीं होगा. इन्ही मशीनों की मदद से किसान दिल्ली कूच करेंगे. 

Farmers Protest: JCB, हाईड्रोलिक क्रेन, बुलेट प्रूफ पोकलेन, जानें क्या है किसानों के दिल्ली कूच का मास्टर प्लान

Farmers Protest Latest Update: किसान नेताओं और सरकार के बीच हुई बातचीत में किसानों की मांगों पर सहमति नहीं बनने के बाद आज किसानों ने दिल्ली कूच का ऐलान किया है. किसान सुबह 11 बजे दिल्ली कूच करेंगे, इस दौरान वो पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर से हरियाणा में प्रवेश करेंगे. पंजाब के युवा किसान जेसीबी और पोकलेन मशीनें लेकर दिल्ली मार्च में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं. इन मशीनों को ट्रैक्टर मार्च के बीच में इसलिए लाया गया है, जिससे रास्ते में कोई इन्हें रोक न सके.

किसानों की तैयारियों को देखते हुए हरियाणा के डीजीपी द्वारा पंजाब के डीजीपी को पत्र लिखा गया. जिसके बाद पंजाब के डीजीपी ने खनौरी और शंभू में पंजाब-हरियाणा सीमा की ओर जेसीबी, पोकलेन, टिपर, हाइड्रा और अन्य भारी अर्थमूविंग उपकरणों की आवाजाही को रोकने का आदेश दिया है.

डीजीपी पंजाब के निर्देश पर भारी वाहन और जेसीबी लेकर शंभू बॉर्डर की ओर जा रहे किसानों को रोकने के दौरान शंभू थाने के SHO और एक अन्य अधिकारी घायल हो गए. पटियाला शंभू पुलिस स्टेशन प्रभारी इंस्पेक्टर अमन पाल सिंह विर्क और मोहाली एसपी जगविंदर सिंह चीमा घायल हो गए हैं, जिन्हें इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अधिकारियों ने शंभू बॉर्डर से करीब 5 किलोमीटर पहले ही नाकाबंदी कर दी है. 

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सूत्रों से मिली जानकारी, केंद्र और स्थानीय एजेंसियों से मिली रिपोर्ट के अनुसार अनुमान लगाया है कि पंजाब-हरियाणा सीमा पर 1,200 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों, 300 कारों, 10 मिनी बसों के अलावा छोटे वाहनों के साथ लगभग 14,000 लोग एकत्र हुए हैं. किसानों को प्रदर्शन के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा भी पंजाब सरकार को पत्र भेजा गया है, जिसमें पिछले कुछ दिनों में राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता जताई गई है. साथ ही कानून तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, किसान अपने साथ जो मशीनें लेकर पहुंचे हैं वो बुलेट प्रूफ हैं. इन मशीनों पर गोलियों और आंसू गैस के गोलों का कोई असर नहीं होगा. इन्हें छेदा भी नहीं जा सकता, क्योंकि ये पुली जंजीरों से संचालित होती हैं, जिन पर टैंक चलते हैं. किसानों की तैयारियों की सूचना मिलने के बाद से पुलिस अलर्ट मोड पर है, किसानों को दिल्ली कूच से रोकने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी गई है. 

दिल्ली कूच के लिए जत्थेबंदियों ने पहले से ही तैयारी कर ली है. 100 युवाओं को अग्रिम मोर्चे पर नेतृत्व की जिम्मेदारी दी गई है. किसान इस बार पुलिस के सुरक्षा घेरे को तोड़ने की पूरी तैयारियां करके आए हैं. अब तक जिस तरह की तैयारियां देखने को मिल रही हैं, उससे ऐसी संभावना है कि किसान घग्गर पुल पर हरियाणा पुलिस की बैरिकेडिंग को पोकलेन से तोड़कर बैरिकेडिंग के ऊपर बोरियां रख सकते हैं और फिर अंबाला की ओर आगे बढ़ सकते हैं.

वहीं प्रदर्शन के बारे में किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि 'हमारा इरादा किसी तरह की अराजकता पैदा करने का नहीं है. हमने 7 नवंबर से दिल्ली पहुंचने का कार्यक्रम बनाया है. अगर सरकार कहती है कि उन्हें पर्याप्त समय नहीं मिला तो इसका मतलब है कि सरकार हमें नजरअंदाज करने की कोशिश कर रही है. ये ठीक नहीं है कि हमें रोकने के लिए इतने बड़े-बड़े बैरिकेड लगाए गए हैं. हम शांति से दिल्ली जाना चाहते हैं. सरकार बैरिकेड हटाकर हमें अंदर आने दे. नहीं तो हमारी बात पूरी करें मांगें. हम शांतिपूर्ण हैं. अगर वे एक हाथ बढ़ाएंगे तो हम भी सहयोग करेंगे. इस दौरान उन्होंने युवाओं से नियंत्रण न खोने की भी अपील की. 

 

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