Haryana Farmers Protest: किसान आंदोलन के मद्देनजर हरियाणा-पंजाब के दाता सिंह वाला बॉर्डर पर आज WTO से अवगत करवाने के लिए सेमिनार का आयोजन किया गया. जिसमें आगे की रणनीति के बारे में चर्चा की गई. 27 और 28 तारीख को किसान नेता खनौरी और शंभू दोनों बॉर्डर पर नेशनल लेवल की बैठक करेंगे. किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और अभिमन्यु कोहाड़ पहुंचे. 


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किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि यह आजकल जो अफवाहें चल रही है कि आंदोलन खत्म हो गया है, ऐसा कुछ नहीं है. आंदोलन खत्म नहीं हुआ है. आंदोलन जब खत्म होगा जब सरकार हमारी मांगे मान लेगी. जब-तक मांगे नहीं मानी जाती है तब-तक आंदोलन इसी तरह से ही चलता रहेगा. उन्होंने कहा कि किसान पीछे नहीं हटेंगे. अब तो हरियाणा के किस भी मोर्चा लगाकर बैठ गए हैं और आंदोलन में भाग लेने लग गए हैं. 


बता दें कि पंजाब के किसान पिछले दो हफ्ते से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. वे एमएसपी की गारंटी चाहते हैं, लेकिन इसमें वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाजेशन भी उन्हें प्रभावित कर रहा है. इस संबंध में आज यूनियनों ने शंभू और खनौरी सीमा पर सेमीनार आयोजित किया गया. जहां वैश्विक संगठन की नीतियों पर चर्चा की गई.


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बता दें कि भारत 1995 में विश्व व्यापार संगठन में शामिल हुआ. इससे पहले भारत स्वतंत्र कृषि नीति पर चलता था, लेकिन उसके बाद डब्ल्यूटीओ सीधे कृषि क्षेत्र में हस्तक्षेप करता है. WTO की वजह से हमारे देश के किसान जो रोज सुसाइड कर रहे है, WTO की वजह से किसान के बच्चे बाहर जा रहे है. सरकार कॉर्पोरेट खेती का मॉडल लागू करना चाहती है. हम बहुत बड़ी लड़ाई लड़ रहे है. ये लड़ाई देश ही नहीं दुनिया की बड़ी ताकतों के लोगों के खिलाफ है. 


बता दें कि बैठक के बाद किसान नेता डल्लेवाल ने कहा कि फसल एमएसपी से ऊपर खरीदी जा रही है, वे केवल 6 प्रतिशत ही आते हैं. भारत सरकार के मुताबिक 13 फीसदी खरीद एमएसपी पर होती है, लेकिन बाकी लोगों का शोषण हो रहा है. WTO का खुला बाजार दृष्टिकोण भारत के लिए कभी भी उपयोगी नहीं है, जब तक भारत सरकार WTO से बाहर नहीं आती, तब तक कृषि क्षेत्र प्रगति नहीं कर सकता. 


Input: गुलशन चावला