बीडीपीओ कार्यालयों पर ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की हड़ताल पिछले 14 दिनों से चल रही हैं.  इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने हमारी मांगे नहीं मानी तो हम सभी काली दिवाली मनाएंगे और 26 अक्टूबर को करनाल में रैली करेंगे. 


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ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने कहा कि सरकार उनकी मांगों को लेकर विचार नहीं कर रही हैं, जिस पर कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया है.


अपनी मांगों को लेकर ग्रामीण सफाई कर्मचारी लगातार हड़ताल पर हैं.  जिले के सभी ब्लॉक कार्यालयों के बाहर धरने पर बैठे हुए हैं. फतेहाबाद के बीडीपीओ कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे कर्मचारियों ने आज सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जबरदस्त प्रदर्शन किया.  


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प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि आज उनकी हड़ताल को आज 14 दिन पूरे हो गए हैं,  मगर सरकार उनकी मांगों के प्रति कोई सकारात्मक रुख नहीं दिखा रही है.  कर्मचारियों ने कहा कि अगर सरकार का यही रुख रहा तो उन्हें आंदोलन को तेज करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि आने वाली 26 अक्टूबर को वे करनाल में एक बड़ी रैली करने जा रहे हैं, वहां से अगले आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेंगे. 


कर्मचारियों ने कहा कि त्योहारों का सीजन चल रहा है, मगर कर्मचारी अपने हक और वेतन के लिए सड़कों पर हैं.  उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती तो उन्हें काली दिवाली मनाने पर मजबूर होना पड़ेगा.  कर्मचारियों का कहना है कि उनकी मांग इतनी बड़ी नहीं है कि सरकार उन्हें न मान सकें, 


उनकी मांगे बेहद सामान्य हैं, जिससे सरकार पर कोई बड़ा बोझ नहीं पड़ने वाला है.  उन्होंने कहा जिस दिन सरकार उनकी मांगे मान लेगी वे हड़ताल को समाप्त कर अपने काम पर लौट जाएंगे, अन्यथा उनकी हड़ताल जारी रहेगी और आने वाले समय में आंदोलन को तेज किया जाएगा.


ये हैं मुख्य मांगे - न्यूनतम वेतन 26 हजार किया जाए, कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया, समान काम समान वेतन दिया जाए, कर्मचारियों को वेतन, भत्तों का समय पर भुगतान किया जाए, वर्दी-औजार और कर्मचारियों के बच्चों के लिए शिक्षा भत्ता दिया जाए, कौशल रोजगार निगम भंग किया जाए, शहर की तर्ज पर 400 की आबादी पर गांव में भी एक सफाई कर्मी की नियुक्ति की जाए