Fatehabad Political News: जननायक जनता पार्टी (JJP) नेता एवं डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) फतेहाबाद पहुंचे. इस दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि चुनावी वर्ष आ रहा है और जेजेपी चुनावी अभियान में उतर चुकी है. पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि पहले राजस्थान के चुनाव होंगे, फिर लोकसभा और विधानसभा के चुनाव होने हैं. राजस्थान में भी भाजपा से गठबंधन की चर्चाएं चल रही हैं. पार्टी अपने स्तर पर भी तैयारी में जुटी है. उन्होंने कहा कि सदस्यता अभियान भी शुरू कर दिया गया है. हरियाणा में गठबंधन के भविष्य संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि विपक्षी साढ़े 3 साल से इस गठबंधन को तुड़वा रहे हैं, लेकिन जितनी गठबंधन तुड़वाने की कोशिश होगी, यह उतना ही मजबूत होगा.


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चौटाला ने INLD पर कसा तंज
वहीं इनेलो (INLD) द्वारा प्रदेश में निकाली जा रही पैदल यात्रा पर तंज कसते हुए कहा कि निशान सिंह ने बताया है कि कोई पैदल तो चल ही नहीं रहा, पदयात्रा यदि गाड़ियों पर हो रही है? तो इस यात्रा का औचित्य ही क्या है? उन्होंने इनेलो-कांग्रेस के गठबंधन की चर्चाओं पर हंसते हुए कहा कि वे भी इस बारे में ही सुन ही रहे हैं.


धरने पर बैठे खिलाड़ियों पर दी प्रतिक्रिया
जंतर-मंतर पर खिलाड़ियों के धरने पर डिप्टी सीएम ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पहले भी पार्टी की स्टेटमेंट आ चुकी है कि केंद्र सरकार द्वारा इस मामले में जांच करवाई जा रही है. इसकी जांच रिपोर्ट अभी आई नहीं है. रिपोर्ट आने से पहले ही धरने पर बैठे हैं तो इस ओर काम करना चाहिए.


सुडान में फंसे परिवार के बारे में बोले चौटाला...
सुडान में फंसे जींद के परिवारों के बारे में उन्होंने कहा कि कई परिवारों के फंसने की बात सामने आई है. इस बारे में हमारी अफेयर मिनिस्ट्री से बात हुई है. उन्होंने कहा कि मिडल ईस्ट से तीन बार विमान भेजने का प्रयास किया है, मगर वहां के हालात के कारण वे लैंड नहीं कर पाएं हैं. अब पोर्ट ऑफ सूडान में इंडियन नेवी का शिप भेजा गया है और बसों के द्वारा वहां से भारतीयों को सुरक्षित निकालने का प्रयास सफल होगा.


अधिकतर गांवों ने अपनाई ई-टेंडरिंग- दुष्यंत चौटाला
ई-टेंडरिंग पर बोलते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि आज अधिकतर ग्राम पंचायतों ने इसे अपना लिया है. यह सही है. हम भी एक पैसा अपने हाथों से नहीं देते, सारे काम टेंडर से होते हैं. पंचायत में पहले यह सामने आया है कि ठेकेदार पैसे लेकर चला जाता है और नतीजा सरपंचों को भुगतना पड़ता है, क्योंकि अथॉरिटी वे होते हैं. गड़बड़ी कोई और करे और सरपंच हर्जाना भुगते तो यह सही नहीं है.


Input: Ajay Mehta