नई दिल्ली: शराब पॉलिसी को लेकर CBI ने मनीष सिसोदिया समेत 15 लोगों पर FIR दर्ज की है. इसमें मनीष सिसोदिया को मुख्य आरोपी बनाया है. इस एफआईआर में उन कंपनियों और उनके डायरेक्टर्स को भी आरोपी बनाया है. जिन्हें नई एक्साइज नीति में फायदा हुआ था. CBI लगभग 10 घंटे से दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर की तलाशी ले रही है. इस दौरान CBI ने सिसोदिया की कार की तलाशी भी लग गई. जांच एजेंसी ने अभी तक कोई कैश बरामद नहीं किया है. वहीं रेड के दौरान एक एक्साइज अधिकारी के घर से एक्साइज पालिसी से जुड़ी एक कॉन्फिडेंशियल फाइल मिली है. इसमें एक्साइज पालिसी से जुड़ी कुछ सीक्रेट नोटिंग की गई थी. एजेंसी के अनुसार ये फाइल अधिकारी के घर पर नहीं होनी चाहिए थी.


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अरविंद केजरीवाल ने 22 जुलाई को ही ये भविष्यवाणी की थी और उसके लगभग 1 महीने बाद ही सीबीआई आज यानी 19 अगस्त को मनीष सिसोदिया के घर छापेमारी करने पहुंच गई. CBI की टीम ने सिसोदिया के आवास सहित 21 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी शुरू की. 


मनीष सिसोदिया पर एक्साइज घोटाले का आरोप है. इसलिए सीबीआई ने आज सिसोदिया के घर सहित 21 ठिकानों पर छापेमारी की. इससे पहले दिल्ली सरकार के एक और मंत्री सत्येंद्र जैन पहले से ही जेल में बंद हैं. सत्येंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में बंद हैं. 


सीबीआई की इस कार्रवाई से आप और केंद्र सरकार के बीच तनाव बढ़ गया है. आप ने आरोप लगाया है कि एजेंसी ऊपर से मिले आदेशों पर काम कर रही है. वहीं अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने पिछले साल नवंबर में लाई गई दिल्ली आबकारी नीति बनाने और उसके क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं के संबंध में एक एफआईआर (FIR) दर्ज की गई. इसके बाद सिसोदिया और भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी आरव गोपी कृष्ण के परिसरों सहित 21 ठिकानों पर शुक्रवार को छापा मारा.


वहीं दूसरी तरफ दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर के बाहर आम आदमी पार्टी के विधायक और कार्यकर्ता अपने नेता के समर्थन में जमा हो गए. इसके बाद में पुलिस ने सभी को हिरासत में ले लिया.