एक्साइज पॉलिसी में गड़बड़ी को लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने CBI जांच की सिफारिश की थी. इस बात की जानकारी खुद मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर दी थी. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था कि वो जांच में पूरा सहयोग देंगे ताकि सच जल्द सामने आ सके. अभी तक मुझ पर कई केस किए गए.
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Manish Sisodia CBI Raid: शुक्रवार यानी की आज सुबह 8:30 बजे दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर CBI की टीम ने अचानक धावा बोल दिया. लेकिन, अब सिसोदिया के मुश्किलें अब बढ़ती जा रही है. मनीष सिसोदिया के आवास के अलाव CBI की जांच 20 जगहों पर लगातार जारी है.
खबरों की मानें तो एक्साइज पॉलिसी में गड़बड़ी को लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने CBI जांच की सिफारिश की थी. इस बात की जानकारी खुद मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर दी थी. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था कि वो जांच में पूरा सहयोग देंगे ताकि सच जल्द सामने आ सके. अभी तक मुझ पर कई केस किए गए.
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लेकिन, कुछ नहीं निकला और इसमें भी कुछ नहीं निकलेगा. बता दें कि दो महीने पहले ही मुख्य सचिम ने अपनी रिपोर्ट सौंपी था. बता दें कि इस रिपोर्ट में GNCTD एक्ट 1991, ट्रांजेक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स 1993, दिल्ली एक्साइज एक्ट 2009 और दिल्ली एक्साइज रूल्स 2010 के नियमों का उल्लंघन पाया गया था.
CBI जांच में क्यों घिरे सिसोदिया?
बता दें कि LG की रिपोर्ट के मुताबिक एक्साइज डिपार्टमेंट के प्रभारी होने के नाते मनीष सिसोदिया ने कई ऐसे फैसले लिए, जिसकी वजह से डिपार्टमेंट में कई तरह की गड़बड़ियां सामने आई. इसी के साथ उनके ऊपर एक्साइज पॉलिसी के नियमों का उल्लंघन करने का भी आरोप लगा है.
एलजी की रिपोर्ट के मुताबिक, सिसोदिया ने टेंडर दिए जाने के बाद भी शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा है. इतना ही नहीं रिपोर्ट के मुताबिक, मनीष सिसोदिया के आदेश के बाद एक्साइज पॉलिसी के जरिए कोरोना के बहाने शराब ठेकेदारों के 144.36 करोड़ रुपये माफ किए गए. इससे शराब कारोबारियों को लाभ पहुंचा.
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इन आरोपों में घिरे सिसोदिया
खबरों की मानें तो टेंडर के लिए अप्लाई करने वाले शराब कारोबारियों को एकमुश्त 144.36 करोड़ रुपये की छूट दी. इसी के साथ एयरपोर्ट पर शराब ठेकेदारों के लाइसेंस जब्त करने की बजाय उन्हें 30 करोड़ रुपये की छूट दी और विदेश भारत आने वाली बीयर की कीमतों को कम किया गया.
और किन-किन आरोपों में घिरे सिसोदिया?
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के निर्देश पर एक्साइज डिपार्टमेंट ने एयरपोर्ट जोन में L1 लाइसेंसधारी को 30 करोड़ रुपये लौटा दिया थे, क्योंकि उन्हें एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से दुकान खोलने की अनुमति नहीं मिली थी. जबकि, ये रकम जब्त की जानी थी. इसी के साथ विदेश से आने वाली बीयर पर 50 रुपये प्रति केस के हिसाब से रकम ली जाती थी और इस मंजूरी को भी वापल ले लिया गया, जिसकी वजह से सरकार को भारी नुकसान झेलना पड़ा.
जानें, क्या है दिल्ली की एक्साइज पॉलिसी?
आपको बता दें कि, 17 नवंबर, 2021 को दिल्ली में नई नई एक्साइज पॉलिसी को लागू किया गया था. दिल्ली सरकार की इस योजना के तहत राजधानी में 32 जोन का निर्माण किया गया था और हर जोन में 27 दुकानें खुलनी थीं. इसका मतलब कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं. मगर दिल्ली में नई नीति आने से पहले शराब 60% दुकानें सरकारी और 40% प्राइवेट थीं. मगर दिल्ली सरकार की नई नीति के बाद 100% दुकानें निजी हाथों को सौंप दी गई. सरकार का तर्क था कि इससे रेवेन्यू में 3,500 करोड़ रुपये बढ़ने की उम्मीद है.