Sandeep Kumar: राउज एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली के पूर्व मंत्री को 2016 के बलात्कार और भ्रष्टाचार निवारण मामले में बरी कर दिया. वह महिला एवं बाल कल्याण, सामाजिक कल्याण और एससी-एसटी विभाग के मंत्री थे. विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने संदीप कुमार को बरी कर दिया. संदीप कुमार की ओर से अधिवक्ता संजय गुप्ता और राजकमल आर्य पेश हुए. कोर्ट ने संदीप कुमार के खिलाफ एक महिला को नशीला पदार्थ देकर बलात्कार करने और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 66 आईटी एक्ट के तहत आरोप तय किए थे.


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विवादों से है पुराना नाता 
संदीप कुमार कई विवादों में घिरे रहे उन्होंने 31 अगस्त 2016 को एक 'आपत्तिजनक सीडी' पर विवाद के बाद उन्हें दिल्ली कैबिनेट से हटा दिया गया था. उस सीडी में उनको महिलाओं के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया था. जिसके बाद 3 सितंबर 2016 को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, संदीप पर एक महिला ने नशीला पेय पिलाकर उसके साथ बलात्कार करने और इस कृत्य का वीडियो बनाने का आरोप लगाया था. महिला ने शिकायत में कहा था कि वह करीब 11 महीने पहले वह आरोपी संदीप के घर गई थी, क्योंकि वह बीपीएल कार्ड बनवाना चाहती थी. कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ पिलाने के बाद आरोपी ने उसके साथ कथित तौर पर बलात्कार किया.


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 इस विवाद के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन्हें मंत्री पद से हटा दिया था. वहीं संदीप कुमार दिल्ली सरकार में महिला एंव बाल विकास, सामाजिक कल्याण और एससी/एसटी मंत्री के रूप में कार्यरत थे.


अभी हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए थे. लेकिन उनके विवाद भरा अतीत सामने आने के बाद उन्हें कुछ ही घंटों  के बाद पार्टी से निलंबित कर दिया था. आपको बता दें कि संदीप सोनीपत के गांव सरगथल के रहने वाले है.उन्होंने 2004 में दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और 2009 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से संदीप ने कानून की डिग्री हासिल की.