Ghaziabad Crime: गाजियाबाद पुलिस ने एक ऐसे मामले का खुलासा किया है, जिसने बड़े से बड़े अपराधियों को भी दांतो तले उंगली दबाने को मजबूर कर दिया. दो अनपढ़ मजदूरों ने बिल्डर से पैसे वसूलने के लिए ऐसी साजिश करी जिसे पुलिस को सुलझाने में भी 3 साल 3 महीने लग गए. हालांकि, इस पूरे मामले में एक बेगुनाह बेकसूर गरीब शख्स मारा गया, जिसके परिवार के आगे अब रोजी रोटी का भी संकट खड़ा हो गया है.


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पुलिस गिरफ्त में खड़ा यह शख्स ओमप्रकाश है. ओमप्रकाश ने अपने साथी कन्नू लाल जो फिलहाल जेल में बंद है के साथ मिलकर रची थी वह भयानक साजिश, जिसमें इन दोनों को लाखों रुपया मिलना था, लेकिन एक आम बेकसूर व्यक्ति की जान चली गई. दरअसल, इन्होंने साल 2022 के फरवरी महीने की 23 तारीख को विजयनगर पुलिस को सूचना दी की कन्नू लाल का सगा भाई सर्वेश 25वीं निर्माण निर्माणाधीन बिल्डिंग से गिर के मर गया है.


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इन दोनों की प्लानिंग थी इसके बदले हम बिल्डर से लाखों रुपये हड़प लेंगे. खैर पुलिस ने जब छानबीन करी तो पता चला की 25 मंजिल पर लोहे की रॉड और खून पड़ा है. इससे पुलिस का शक गहराया और उसने जब पूछताछ की तो पता चला यह व्यक्ति गिर के नहीं बल्कि से 25 मंजिल पर मार दिया था. उसके बाद फेंका गया. इस मामले में कन्नू लाल और ओमप्रकाश जेल चले गए, लेकिन पुलिस को इस मामले में कुछ न कुछ संदिग्ध दिख रही थी.


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पुलिस ने जब इस मामले में और छानबीन की तो पता चला की कन्नू लाल का भाई सर्वेश तो जिंदा है. उसका डीएनए टेस्ट किया गया सर्वेश जिंदा था. अब सवाल ये है कि फिर मरने वाला शख्स कौन था. पुलिस ने अपनी छानबीन और आगे बढ़ाई तो पता चला कि ओमप्रकाश लखीमपुर खीरी बबलू को साइट पर सर्वेश के नाम से नौकरी दिलवाई थी और फिर बबलू का कत्ल करके उसे सर्वेश का नाम दिया था.


पुलिस ने बड़ी मशक्कत के बाद लखीमपुर खीरी से मृतक बबलू के परिजनों को भी तलाश किया है. लखीमपुर खीरी से मृतक की पत्नी और मां भी आई उनके मुताबिक बबलू के दो बेटी और एक बेटा है और अब उनके खाने के लाले पड़ गए हैं.


(इनपुटः पीयूष गौड़)