Ghaziabad Crime News: दिल्ली से सटे गाजियाबाद में आम लोगों की जीवन भर की कमाई के प्लॉट और फ्लैट और मकान लोन के नाम पर डकार लेने वाले लोन माफिया लक्ष्य तंवर की प्रॉपर्टी कुर्क की गई. गाजियाबाद पुलिस ढोल लेकर उन संपत्तियों पर पहुंची और उनको कुर्की की गई. आपको बता दें कि यह लोन माफिया पिछले करीब 2 सालों से जेल में बंद है और जैसे-जैसे इस की संपत्तियों की पता चल रहा है. वैसे-वैसे पुलिस उनको कुर्क कर रही है.


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2 साल से जेल में बंद है आरोपी
गाजियाबाद के चिरंजीव विहार इलाके में गाजियाबाद पुलिस ढोल लेकर पहुंची है. इसमें आप देख सकते हैं कि भारी संख्या में फोर्स मौजूद है और ढोल बजाकर कुर्की की कार्रवाई की जा रही है. दो मंजिला मकान कुर्क किया जा रहा है. यह दो मंजिला मकान लक्ष्य तंवर के नाम था. लक्ष्य गाजियाबाद का ऐसा लोन माफिया किया था, जिसने सैकड़ों लोगों के जीवन भर की कमाई को मिट्टी में मिला दिया. उसमें पुलिस वाले और नेता भी शामिल थे. लंबे समय तक लोन के नाम पर ठगी करने वाला लक्ष्य करीब 2 साल से जेल में बंद है. 


गाजियाबाद पुलिस के अनुसार आज की तारीख में गाजियाबाद पुलिस ने 6 संपत्ति कुर्क की हैं, जिसकी अनुमानित कीमत 15 करोड़ से अधिक है. इससे पहले भी लक्ष्य की 15 संपत्ति जब्त की जा चुकी है, उनकी कीमत करीब 29 करोड़ रुपये की थी. आगे भी अगर कोई संपत्ति पता चलेगी तो गाजियाबाद पुलिस का दावा है कि उसको कुर्क किया जाएगा.


10 लाख की जगह दिलाता था 20 लाख का लोन
निपुण अग्रवाल डीसीपी सिटी गाजियाबाद ने जानकारी देते हुए बताया कि लोन माफिया लक्ष्य तंवर ने करीब 500 करोड़ रुपये का घोटाला किया था. उसके गैंग में 12 लोग थे, जिनमें से 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. दरअसल जिस आदमी को लोन की आवश्यकता होती थी. उसको लक्ष्य और उसकी टीम आसानी से और सस्ते में लोन दिलवाने का भरोसा दिया करता था. उसके बाद लोन के नाम पर उसके कागज लेकर बैंक अधिकारियों से सांठगांठ करता था. व्यक्ति को लोन चाहिए होता था 10 लाख का तो उसको 20 लाख का लोन दिलाता था. पहले से उसके साइन किए गए चेक और इस स्टम्प पेपर लक्ष्य के पास होते थे. उस शख्स को 10 लाख मिलते थे और बाकी बचे 10 लाख का बंदरबांट उसका गैंग और बैंक अधिकारी कर लेते थे, लेकिन जो आदमी 10 लाख का लोन लेता था. उसके सिर पर 20 लाख के लोन की ईएमआई (EMI) पढ़ती थी. लक्ष्य तंवर ने जिन लोगों को चुना लगाया था, उसमें पुलिस अधिकारी और नेता भी शामिल थे.


Input: Piyush Gaur